सबद-51 ओ३म् सप्त पताले भुंय अंतर अंतर राखिलो, म्हे अटला अटलूं।
ओ३म् सप्त पताले भुंय अंतर अंतर राखिलो, म्हे अटला अटलूं। भावार्थ- इस शरीर के अन्दर ही सप्त पाताल है जिसे योग की भाषा में मूलाधार चक्र जो गुदा के पास है इनसे प्रारम्भ होकर इससे उपर उठने पर नाभि के पास स्वाधिष्ठान चक्र है इससे आगे हृदय के पास मणिपूर चक्र, कण्ठ के पास अनाहत चक्र, भूमण्डल में विशुद्ध चक्र तथा उससे उपर आज्ञा चक्र है। इन छः पाताल यानि नीचे के चक्रों को भेदन करता हुआ सातवें सहस्रार ब्रह्मर्ध्र…