
शब्द -6 : ओउम भवन भवन म्हें एका जोती, चुन चुन लिया रतना मोती
उधरण कान्हावत यूं कहै, दोय कहै छै देव। भिन्न भिन्न समझाइयों, हमें बतावों भेव। उधरण राजपुत्र ने इससे पूर्व तीन शब्दों को ध्यान पूर्वक श्रवण किया तब यह जिज्ञासा उत्पन्न हुई कि जीव और ब्रह्या एक ही हैं या दो भिन्न-भिन्न है। इस शंका के समाधानार्थ उधरण ने प्रार्थना की। गुरु महाराज ने उत्तर दिया- :: शब्द -6 :: √ ओउम भवन भवन म्हें एका जोती, चुन चुन लिया रतना मोती। भावार्थ- सम्पूर्ण चराचर सृष्टि के कण-कण में परम तत्व…












