

साखी साच तूं मेरा सांई, अवर न दूजा कोई
साच तूं मेरा सांई, अवर न दूजा कोई।1।जिण आ उमति उपाई, सिरजण हारो सोई।2।साचा सेती सन्मुख, दुमना सेती दोई।3।खालक सूं छाने कित, छिन कीजै चोरी।4।भगवत नै सब सूझै, गढ़ दरवाजा मोरी।5।किहिंका मइया बाबो, किहिंका बहण र भाई।6।सब देखंता चाल्या, काहु की कछु न बसाई।7।हंसा उड़ चाल्या, जब बेलड़िया कुम्हलाई।8।हंसा उडण की बारी, सुकरत साथ सगाई।9।किण ही सुगरे मोमण ने, बांधी सत की पाली।10।आवैलो जब खोजी, लेलों खोज निकाली।11।कोड़ी पांच पार पहोंता, जां की धार करारी।12।कोड़ी सात पार पहोंता, हरिचंद सा…