

शब्द नं 69
जवंरा रे तैं जग डांडीलो कल की शेष व्याख्या से आगे काचा तोड़ निकूचा भाषै, अधट घटै मल माणों। वे कच्ची आयु के बालकों की देह से भी उनके प्राण छीनकर उन्हें पूरा ही निगल जाते हैं। शरीर से रहित होने पर बड़े-बड़े बलशालियों के बल का अभिमान भी उन यम दूतों के सामने चूर- चूर हो जाता है। धरति अरू असमान अगोचर, जातै जीव न देही जाणौं । ये यमदूत इस धरती पर और आसमान में विचरण करते हुए…