

शब्द न 71
धवणा धूजै पाहण पूजै जोधपुर के राव सांतल ने जाम्भोजी से जानना चाहा कि विष्णु भगवान के अलावा अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना करने वालों को पुण्य फल की प्राप्ति होती है या नहीं।सांतल की जिज्ञासा जान गुरु महाराज ने उसे यह शब्द कहा:- धवणा धूजै पाहण पूजै बेफरमाई खुदाई हे जिज्ञासु जन! जो लोग गर्दन हिला हिला कर झूमते हुए पत्थरों की बनी मूर्तियों की पूजा करते हैं, वे अज्ञानी है। पत्थर पूजना खुदा की आज्ञा नहीं है।…