

बुचोजी ऐचरा का बलिदान
इस बिश्नोई पँन्थ का इतिहास बडा़ गौरवशाली रहा है जहाँ पर अपने धर्म के ख़ातिर गुरुदेव के वचनो के लिये अपना बलिदान दे दिया “गुरु के वचने निव खिव चालो “ओर आज हम है जो अनेक व्यसनो से घिरे पडे़ है वृक्ष-रक्षा हेतु आत्म-बलिदान की एक महत्वपूर्ण घटना मेङता परगने के पोलावास गाँव में वि.सं. 1700 की (हस्त नखत तीज दिन, होली मंगलवार) हस्त-नश्त्र में होली के तीसरे दिन, मंगलवार चैत्र वदी तीज को घटित हुई थी। श्री बूचोजी ऐचरा…