

शब्द – 5 : ओउम अइयालो अपरंपर बाणी,महे जपां न जाया जीयूं।
उधरण कान्हावत यूं कहै, जाम्भाजी सूं बात। जाप कुणा रो थे जपो, हमें बताओं तात। अर्थात:कान्हाजी के पुत्र उधरण ने इससे पूर्व शब्द द्वारा आयु का ज्ञान प्राप्त कर के फिर दूसरा प्रश्न पूछा कि हे देव ! आप जप किस का करते हैं, हमें भी बतलायें कि हम किस देवता का जप-नाम स्मरण उपासना करें। गुरू जाम्भोजी ने शब्दोच्चारण इस प्रकार से किया – :: शब्द – 5 :: √ ओउम अइयालो अपरंपर बाणी,महे जपां न जाया जीयूं।| हे…