

Jai Jai Ho Vilhoji Baba
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Jambh Pyara, Tere Jmana Yaad Aata h
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Mere Maalik Raaji Chahiye
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रामडावास विल्हेश्वर धाम
जय गुरु जम्भेश्वराय नमः🙏 रामडावास विल्हेश्वर धाम जग्गा भाई सांचोर

Guru Jambheshwar Bhajan : No stop P-Series
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Shri Guru Jambheshwar Bhagwan 120 Sabdvani
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रूंखा रा रखवाला कठे अमृता देवी कथा : सोमराज बिश्नोई सिर सांठे रुख रहे तो भी सस्तो जाण
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साँवरिये रा नाम हजार
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शब्द नं 70
हक हलालूं हक साच कृष्णों जोधपुर के राव सांतल तथा अजमेर के मल्लूखान ने गुरु जंभेश्वर महाराज से जिज्ञासा प्रकट की कि वह रास्ता कौन सा है, जिस पर चलने से नरक में न जाना पड़े,भगवान तथा खुदा के दर्शन हो एंव स्वर्ग लोक में मुक्ति का फल मिले। करुणा निधान गुरु महाराज ने भक्तों की जिज्ञासा जान यह शब्द कहा:- हक हलालूं हक साच कृष्णों सुकृत अहलयों न जाई न्याय की कमाई करो न्याय और सत्य से परमतत्व की…

विश्नोई संप्रदाय के प्रवर्तक गुरू जांभोजी एवं उनके शिष्य अलूनाथ जी कविया
सिद्ध महात्मा अलूनाथ जी कविया के पूर्वज अपने मूल स्थान बिराई को छोड़ सणला में आ बसे थे। वहाँ 1520 मे हेमराज जी के घर अलू जी का जन्म हुआ। इनकी माता के नाम आशाबाई था जो सान्दू शाखा से थी। अलू जी की पत्नी का नाम हंसा बाई था। आमेर नरेश कछवाह पृथ्वीराज के पुत्र रूप सिंह जी ने इन्हें कुचामण के पास जसराणा गाँव दिया था। जसराणा ग्राम में ही 1620 मे अलूजी ने 100 वर्ष की आयु…

आरती कीजै श्री जम्भगुरु देवा
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