हरेजस कथा साखी कहो,केवत छंद सिरलोक।

हरेजस कथा साखी कहो,केवत छंद सिरलोक।
परमानंद हरि नाम की सोभा तीन्यो लोक॥१०॥
-(परमानंद जी बणिहाल)

शब्दार्थ–
हरेजस–हरि का यश।
कथा–कथा।
साखी–साखी।
कहो–कहनी चाहिए,कहो।
केवत–कविता।
छंद–छंद।
सिरलोक–श्लोक।
परमानंद–परमानंद जी बणिहाल।
हरि–विष्णु,परमसत्ता।
नांव–नाम।
की–की।
सोभा–कांति, चमक।
तीन्यो लोक–तीनो लोक।

सरलार्थ–भगवान विष्णु श्री हरि का यश, कथा को साखियों, कविता ,छंदों और श्लोकों के द्वारा कहो परमानंद जी कहते हैं कि हरि नाम के यश की महिमा तीनो लोको में हैं।

23/05/2020

🙏🏻–(विष्णुदास)


Discover more from Bishnoi

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
Articles: 1625

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *