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दूरदर्शी राजनेता थे चौधरी भजनलाल जी

नित्थूराम धक्तरवाल कोषाध्यक्ष, बिश्नोई सभा, हिसार

चौधरी भजनलाल जी उन विरले राजनीतिज्ञों में से थे जो समय की गति को पहचानते थे तथा उसी के अनुसार कार्य करते थे। जिस तकनीकी शिक्षा के बल पर भारत आज पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाये हुए है, हरियाणा में इस शिक्षा के प्रवर्तक चौधरी भजनलाल जी ही थे। गुरु जम्भेश्वर तकनीकी विश्वविद्यालय, हिसार के साथ-साथ स्थान-स्थान पर इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित करने का श्रेय चौधरी साहब को जाता है। केन्द्र में कृषि मंत्री रहते हुए आपने किसानों के हित के लिए जो योजनाएं बनाई, उसके लिए भारत का किसान आपका सदैव ऋणी रहेगा।

चौधरी भजनलाल जी एक धार्मिक प्रवृत्ति के राजनेता थे। आपने अपने जीवन में सभी धर्मों को समादर प्रदान किया था। आप न केवल सभी धर्मों के समारोहों में भाग लेते थे अपितु आपने मुख्यमंत्रीत्व काल में सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों हेतु भूमि प्रदान की थी, साथ ही निर्माण कार्य में भी भरपूर सहयोग दिया था। आज देश और दुनिया में धार्मिक सौहार्द घट रहा है। ऐसे विकट समय में चौधरी साहब का व्यक्तित्व हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है। उनके इस सर्वधर्म समभाव में उनकी दूरदर्शिता स्पष्ट झलकती थी। यदि सभी राजनेता इस समभाव से कार्य करें तो सब प्रकार का वैमनस्य समाप्त हो सकता है।

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक के रूप में चौधरी साहब ने महासभाव समाज को एक नई ऊर्जा व गति प्रदान की थी। बिश्नोई समाज ने आपके अविस्मरणीय योगदान से नतमस्तक होकर अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने 10 मार्च, 1986 को आपको बिश्नोई रत्न की उपाधि से अलंकृत कर अपने को धन्य किया था।पूरे समाज के संरक्षक व प्रेरणास्रोत रहे चौधरी भजनलाल जी सही अर्थों में मानव रत्न थे। आज उनके प्रयाण से पूरा समाज अपने आपको अनाथ महसूस कर रहा है।

5.06.2011 को हुई बिश्नोई सभा, हिसार की बैठक में सभासदों ने प्रस्ताव रखा कि अमर ज्योति का आगामी अंक चौधरी भजनलाल स्मृति अंक के रूप में प्रकाशित किया जाए। बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ। बिश्नोई सभा, हिसार ने माननीय सभासदों के निर्णय का पालन करते हुए प्रस्तुत अंक प्रकाशित किया है। मेरा मानना है कि बिश्नोई सभा, हिसार ने इस अंक के प्रकाशन के माध्यम से अपने कर्तव्य की पूर्ति कर रही है। ऐसे लाखों अंक भेंट करके भी हम चौधरी भजनलाल जी के उपकारों से उऋण नहीं हो सकते। वैसे तो चौधरी भजनलाल जी ने पूरे भारत के लिए बहुत कुछ किया परन्तु बिश्नोई समाज को तो उन्होंने विशेष अधिमान दिया। इस अंक के माध्यम से आगे आने वाली पीढ़ियां चौधरी भजनलाल के उपकारों से अवगत हो सकेगी तथा उन्हीं का अनुकरण करके सेवा करेगी, यही इस स्मृति अंक की सार्थकता होगी। मुझे दृढ़ विश्वास है कि इस अंक को लेकर सभा द्वारा किया गया प्रयास व संपादक महोदय द्वारा किया गया श्रम कभी व्यर्थ नहीं जाएगा।


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Sanjeev Moga
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