1864344 orig removebg preview

टोटी टोटी मांगता,माता रोटी देय।

टोटी टोटी मांगता,माता रोटी देय।
खीजमत्य खाली न रहे,नांम धणी का लेय॥११॥
-(परमानंद जी बणिहाल)

शब्दार्थ–
टोटी टोटी–टोटी-टोटी।
मांगता–माँगता हैं।
माता–प्रथम गुरू।
रोटी–रोटी।
देय–देती हैं।
खीजमत्य–सेवा।
खाली–खाली।
न–नही।
रहे–रहती,जाती।
नांम–नाम।
धणी–स्वामी।
का–का।
लेय–लिया हुआ।

सरलार्थ–छोटा बच्चा अपनी तोतली बोली में रोटी की जगह टोटी-टोटी माँगता है लेकिन माँ समझ जाती है और उसको रोटी देती हैं उसी प्रकार से सर्वशक्तिमान परमेश्वर नाम स्मरण रूपी सेवा को कभी निष्फल नहीं होने देते वे उसका फल जरूर देते हैं।

24/05/2020

🙏🏻–(विष्णुदास)


Discover more from Bishnoi

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
Articles: 797