21761872 1579819552056372 6105890867966565455 n

जाम्भाणी संत सूक्ति

ऐप पर पढ़ें!

शब्दवाणी, भजन, आरती, जांभाणी कैलेंडर और बहुत सारे फ़ीचर सिर्फ ऐप्प पर ही उपलब्ध है जरूर इंस्टॉल करें

“सत सीतां जत लखमंणां,
सबळाई हंणवंत।
जे आ सीत न जावही,
अै गुंण मांहि गळंत।।
-(मेहोजी गोदारा थापन)
-भावार्थ-‘सीता का हरण होने पर ही उनके सतीत्व,लक्ष्मण के जतीपने और हनुमान के बल-पराक्रम का संसार को पता चला अन्यथा तो ये गुण छुपे ही रह जाते। आपत्तिकाल में ही मनुष्य के सुषुप्त गुण प्रकट होते हैं।
🙏 -(जम्भदास)

ऐप पर पढ़ें!

शब्दवाणी, भजन, आरती, जांभाणी कैलेंडर और बहुत सारे फ़ीचर सिर्फ ऐप्प पर ही उपलब्ध है जरूर इंस्टॉल करें


Discover more from Bishnoi

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
Articles: 816