जाम्भाणी संत सूक्ति

गूगल प्ले स्टोर से हमारी एंड्रॉइड ऐप डाउनलोड जरूर करें, शब्दवाणी, आरती-भजन, नोटिफिकेशन, वॉलपेपर और बहुत सारे फीचर सिर्फ मोबाइल ऐप्प पर ही उपलब्ध हैं धन्यवाद।

“मान बड़ाई तेज धन,
तन जाव शरम लाज।
भगति मुगति अर ग्यान ध्यान,
एते नै जावै भाज।
नर नारी कारण नहीं,
जांकै अंतरि काम।
कामी कदै न हरि भजै,
निसदिन आठोंजाम।
-(परमानन्दजी वणियाल)
-भावार्थ-‘ मान-सम्मान,तेज,धन,तन, लज्जा, भक्तिभावना, मुक्तिकामना, ज्ञान, ध्यान सब भाग जाते हैं जब जीव काम के वशीभूत हो जाता है।कामी कभी भगवान का भजन नहीं कर सकता।
🙏 – ( जम्भदास)
Photo Designed by Mayank Bishnoi

गूगल प्ले स्टोर से हमारी एंड्रॉइड ऐप डाउनलोड जरूर करें, शब्दवाणी, आरती-भजन, नोटिफिकेशन, वॉलपेपर और बहुत सारे फीचर सिर्फ मोबाइल ऐप्प पर ही उपलब्ध हैं धन्यवाद।


Discover more from Bishnoi

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
Articles: 1196

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *