
प्रेस नोट
*दिवंगत जीव रक्षक राधेश्याम पेमाणी व साथियों को भावभीनी श्रद्धांजलि*
“अपने लिए तो हर कोई जीता है, असली आनंद तो तब है जब जीवन दूसरों के लिए समर्पित हो।”
जैसलमेर के राधेश्याम पेमाणी, जिन्होंने अपने जीवन को वन्यजीवों की सेवा में समर्पित कर दिया, अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके साथ दिवंगत हुए समर्पित जीव रक्षक श्याम फौजी (बीकानेर), महेन्द्र चौधरी (जसनाथ जी का बास, नागौर), कंवराज सिंह भादरिया (रामदेवरा) और सुरेंद्र चौधरी (पोकरण) को भी आज भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इन सभी वीरों ने तपस्वी भाव से हिरणों व मूक प्राणियों की सेवा की और शिकारियों का पीछा करते हुए अपने जीवन दांव पर लगा दिया।
उनका जीवन वन्यजीव संरक्षण के लिए समर्पित था और उनकी प्रेरणा हमेशा जीवित रहेगी।
श्रद्धांजलि सभा का आयोजन मंगाली स्थित श्री गुरु जंभेश्वर मंदिर में किया गया, जहाँ बिश्नोई समाज, जीव रक्षा दल मंगाली एवं अखिल भारतीय जीव रक्षा सभा की ओर से दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए
श्रंद्धाजलि कार्यक्रम में विनोद जी कड़वासरा (प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा, हरियाणा)
चंद्र जी अधिवक्ता (जिला अध्यक्ष, अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा, हिसार)
बलराज जी (सरपंच, मंगाली सुरतिया)
साहेब राम पुनिया (प्रधान, बिश्नोई सभा, मंगाली),
डॉक्टर विरेंद्र कौशिक, प्रधान जीव रक्षा दल, मंगाली
अनिल भांभू,
राजेन्द्र धायल (कैशियर, बिश्नोई सभा, मंगाली),
भाग सिंह (सचिव, बिश्नोई सभा, मंगाली), वज़ीर चंद, पुनिया, कुलदीप गोदारा, विजय मंडा, कपिल भाम्भू, गोलू मंडा, विष्णु सीगड़, सुंदर मंडा आदि उपस्तिथ रहे।
अब समय है कि हम इन महान आत्माओं द्वारा किए जा रहे संरक्षण कार्यों—शिकार पर निगरानी, गोडावण संरक्षण, पीने के पानी की व्यवस्था इत्यादि को उन्हीं की गति से सुचारू रखें, यही उनके लिए सच्ची व अच्छी श्रद्धांजलि होगी।
सरकार से चारों आत्माओं को शहीद का दर्जा देने, उनके नाम पर पुरस्कार जारी करने और आश्रितों को सरकारी नौकरी देनी की मांग की जाएगी।
ईश्वर इन दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और हम सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलने की शक्ति प्रदान करें।
सादर
अनिल भाम्भू



