

शब्द नं 68
बै कंवराई अनंत बधाई बीकानेर के राव लूणकरण ने गुरु जांभोजी की स्तुति की ओर जैसे ही चरण स्पर्श हो चुके, जाम्भोजी ने अपना हाथ उनके सिर पर रख कर उन्हें आशीर्वाद दिया।उसी समय राव का पुत्र पास ही अपना घोडा फेर रहा था तथा अनेक प्रकार के अश्वसंचालन के कौशल दिखा रहा था।उसे देख कर जमाती लोगों ने कुंवर की बड़ी प्रशंसा की तथा उन्होंने जब कहा कि ऐसा अश्व चालक और कोई नहीं देखा। राजकुंवर के अहंकार को…