

क्षमा दया हिरदै धरो,गुरु बतायो जाण
क्षमा करने का वास्तविक अर्थ यह है कि हम किसी को बदले की भावना से दुःखी न करें।श्री गुरुजाम्भो जी एक सबद में कहते हैं –“जै कोई आवै हो हो करता आप ज होइये पाणी”–अर्थात अगर कोई क्रोधवश आग-बबूला होकर आता है तो आप क्षमाशील हो जाओ।अगर आपकी किसी के साथ अनबन हो गई है या हो जाये तो सामने वाले के पास जाकर उससे क्षमा याचना करते हुए सुलह कर लेनी चाहिए, यही मानवता है।विपत्ति काल मे धैर्य धारण…