
सोमवार (चंद्रमा) : व्रत विधि, कथा एवं आरती
चन्द्रदेव का वर्ण गौर है। इनके वस्त्र, अश्व और रथ तीनों श्वेत हैं। ये सुन्दर रथ पर कमल के आसन पर विराजमान हैं। इनके सिर पर सुन्दर स्वर्ण मुकुट तथा गले में मोतियों की माला है। इनके एक हाथ में गदा है और दूसरा हाथ वर मुद्रा में है। श्रीमद् भागवत के अनुसार चन्द्रदेव महर्षि अत्रि और अनसूया के पुत्र हैं। इनको सर्वमय कहा गया है। ये सोलह कलाओं से युक्त हैं। इन्हें अन्नमय, मनोमय, अमृतमय पुरूषस्वरूप भगवान् कहा जाता…













