चौधरीभजनलाल जी ने दिया था महिलाओं को आरक्षण

कामरेडणी माया देवी बड़ोपल, फतेहाबाद,स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् लोकतंत्र में केवल पुरुषों का ही वर्चस्व था। लोकसभा और विधानसभा तो दूर पंचायत स्तर पर भी महिलाओं की भागीदारी न के बराबर थी। वे केवल एक वोटर के रूप में ही लोकतंत्र की हिस्सा थी। चुनाव लड़ने-लड़ाने की बात महिलाएं सोच भी नहीं सकती थी। अशिक्षा भी उनके जीवन में बहुत बड़ी बाधा थी। जब उदार हृदय के नेता व दूरदृष्टि रखने वाले प्रशासक चौधरी भजनलाल जी हरियाणा के मुख्यमंत्री बने…

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नारी उत्थान के पैरोकार थे बिश्नोई रत्न भजनलाल

श्रीमती नीरू बिश्नोई 1637, सैक्टर-15, पंचक्कूला-134113 ज्यूं ही 3 जून,2011 को सायं 5.00 बजे के बाद लोगों को बिश्नोई समाज के राजनैतिक पितामह, मसीहा, हिसार से सांसद और हरियणा के पूर्व मुख्यमन्त्रीबिश्नोई रत्नचौधरी भजनलाल जी के देहावसान का समाचार मिला तो सब ओर शोक की लहर दौड़ गई और लोगों का उनके अन्तिम दर्शनों के लिए उमड़ पड़ा एक बहुत बड़ा जन सैलाब। 4 जून,2011 को उनकी स्वर्गधाम अन्तिम यात्रा के समय ऐसा लग रहा था मानो सम्पूर्ण जिला हिसार…

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कन्या भूण हत्या घोर विरोधी

आजकल प्रसव पूर्व जांच की नई-नई तकनीकों के प्रचलन में आने से नित्य प्रति कन्या भ्रूण की हत्याएं हो रही हैं, जिस कारण बालिकाओं की संख्या बालकों के मुकाबले में बहुत ही पिछड़ गई है। इसी से द्रवित होकर बिश्नोई रत्नचौधरी भजनलाल ने अपने शासन काल में घर में कन्याओं के मान सम्मान में वृद्धि करने के लिए महात्मा गाँधी की 125वीं जयन्ती के अवसर पर 2 अक्तूबर, 1994 को एक बहुत ही आकर्षक नई योजना अपनी बेटी-अपना धन का…

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लिखी जनकल्याण व विकास की इबारत

डॉ. चन्द्र त्रिखा हरियाणा की राजनीति में सबसे लंबी पारी खेलने वाले दिग्गज राजनीतिज्ञ चौधरी भजनलाल अब नहीं रहे। इसके साथ ही हरियाणवी राजनीति के बहुचर्चित तीसरे एवं अंतिमलाल की गाथा का अध्याय समाप्त हुआ। तीन बार मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रभावी मंत्री के रूप में निरंतर सक्रिय बने रहने वाले चौधरी भजनलाल ने अपनी मौलिक कार्यशैली एवं राजनीतिक पटुता के बूते जनकल्याण एवं विकास की इबारत लिखने में पूरी सक्रियता से शिरकत बनाए रखी। चौधरी भजनलाल में एक…

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एक अलौकिक चरित्र थे चौधरी भजनलाल जी

जयप्रकाश बिश्नोई एडवोकेट विष्णु अवतार भगवान जांभो जी के बारे में एक अज्ञात कितु प्रत्यक्ष दृष्टा एवं यथार्थ वक्ता कवि ने एक साखी में लिखा है कि रावां सूरंक रंके राजिंदर, हस्ती करेगाडरियो जीवनैअर्थात यदि विष्णु जी की यदि कृपा जीव पर हो जाए तो एक साधारण व्यक्ति राजा हो जाता है। ऐसी ही असीम कृपा चौधरी भजनलाल जी पर विष्णु अवतार गुरु जम्भेश्वर भगवान की हुई थी। जो एक साधारण कृषक परिवार में जन्म लेकर एक प्रतिभाशाली राजा बने।…

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भजन लाल पुय्ख हो अवतारी रै

डॉ. कृष्णलाल बिश्नोई हरियाणे रो सबठो ढहग्यो ठांव रै। जाणे ढहगी आदमपुर री छांव रै। सूनी सूनी लागै मोहम्मद गांव रै। गलियां गलियां गूंजै थारो नांव रै। छतीस कौमां रो जाणे टूटग्या पांव रै। भजन लाल ऊची घणी ही सांव रे॥1॥ आदमपुरिया कैवतां सुणावै रै। जूनी जूनी बातां याद करावै रै। पंथ जाम्भाणी विहकती जावै रै। नियम धरम अब कुण बतावै रै। आंख्यां मांय आंसूड़ा नीं मावै रै। भजनलाल घणो याद आवै रै॥2॥ सूत्योड़ा समाज नै। जगावंतो रै। सगळा नै…

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शून्य ये शिखर तक

प्रो. उदयभानु हंस, राज्य कवि, हरियाणा इस हरियाणा राज्य के मुख्य तीन हैं लाल। भजनलाल जी चौधरी उनमें एक मिसाल। लोक-हितैषी लोकप्रिय राजनीति में दक्ष। सदा प्रशासन में लिया जनता का ही पक्ष। साधारण परिवार में जन्मे पाया सबका स्नेह। किन्तु शून्य से शिखर तक पहुंचे नि:संदेह। पहले तो मंत्री बने मुख्यमंत्री पश्चात। धरती से आकाश को स्वयं छुआ, क्या बात। कही इसे संयोग या मात्र भाग्य का खेल। सतत परिश्रम, सूझबूझ, कौशल का है मेल। वे मृदुभाषी पारखी, हंसमुख…

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सूना हो गया चमन

हरियाणा में जब-जब तुमने राज किया। तरक्की और खुशहाली का आगाज किया। हर फरियादी को पूरा-पूरा मान दिया। हर शख्श का हर पल तुमने काम किया। आज तुम्हारे जाने से सूना हो गया चमन। हरियाणा का जन–जन करता तुमको नमन।91-एन, न्यू माडल टाउन एक्सटेंशन, हिसार

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हमको भजनलाल जैसा एक बार और दे

घनशयाम तवर लीलस, भिवानी जननी जने तो ऐसा जने या दाता या सूर। नहीं तो जननी बांझ रहे काहे गंवाये नूर॥ यह दोहा बहुत पुराना हो चुका है व न जाने कितने लोगों के लिए प्रयुक्त भी हो चुका है। क्या हम हमारे हीरो के लिए एक छद भी नहीं लिख सकते? जिस इंसान ने लाखों लोगों के लिए रोजी-रोटी लिखी, उनकी भावी पीढ़ियों के भविष्य का सुनिश्चित होना भी लिख दिया होपूत विलक्षण विरला, माता सदियों में जन पाती…

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Preserving the Environment, Protecting the Trees 4 December 1986 :Ch.Bhajan Lal (Part 1)

भारतीय संसद में 1947 से 1997 तक 50 वर्षों में दिए गए भाषणों में से 100 सर्वश्रेष्ठ भाषणों का संकलन सन् 2000 में “100 Best Parliamentary Speeches नाम से प्रकाशित हुआ था। इस पुस्तक में जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, श्री राजीव गांधी, डा. राधाकृष्णन सहित 14 नेताओं के 100 भाषण संकलित हैं। इस महत्वपूर्ण पुस्तक में चौधरी भजनलालजी द्वारा 4 दिसम्बर, 1986 को संसद में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री के रूप मेंपर्यावरण संरक्षणविषय पर दिया गया यह ऐतिहासिक…

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Preserving the Environment, Protecting the Trees 4 December 1986 :Ch.Bhajan Lal (Part 2)

so that some arrangements could be made. So the king himself went there and apologized. The colour of the earth of that area is red even today and a martyrdom fair is held there every year which attracts lakhs of people. So even in those times, the sages and guru Jammeshwara Maharaj had emphasized the importance of trees and of the twenty-nine commandments of the Vishnoireligion. One of the commandments says that felling a green tree is a deadly sin.…

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Preserving the Environment, Protecting the Trees 4 December 1986 :Ch.Bhajan Lal (Part 3)

this practice. All types of help is being provided to meet this situation. Similarly, there are problems of water pollution, air pollution, pollution by thermal power stations, etc. We have duly considered the problem of emission of hydrocarbons. You would have noticed that we have started a new system regarding plying of buses, trucks, four-wheelers, ete. Some battery-operated buses have been started on an experimental basis within the city limits. They are a bitmore expensive and their speed is also…

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