चौधरी भजनलाल जयंती

आज चौधरी भजन लाल के जन्मदिवस (6 अक्टूबर) के अवसर पर उन्हें याद किया जाता है, जो हरियाणा की राजनीति के एक प्रमुख स्तंभ थे। वह तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बने और उन्होंने हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। अपनी लंबी राजनीतिक यात्रा के दौरान, उन्होंने केंद्र सरकार में कृषि मंत्री और पर्यावरण एवं वन मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद भी संभाले। एक छोटे से गाँव से उठकर राज्य की सर्वोच्च कुर्सी तक पहुँचना उनकी असाधारण राजनीतिक सूझबूझ और पकड़ को दर्शाता है। हरियाणा के विकास और राजनीतिक समीकरणों को साधने में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनके जन्मदिवस पर हम इस अनुभवी नेता को श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं।

चौधरी भजन लाल जी का योगदान केवल राजनीति तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने अपने बिश्नोई समाज के उत्थान और संरक्षण में भी अतुलनीय भूमिका निभाई। बिश्नोई धर्म के संस्थापक, गुरु जम्भेश्वर के सिद्धांतों के प्रति उनकी गहरी आस्था थी। इसी श्रद्धा के चलते, उन्होंने अपने कार्यकाल में हिसार में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (GJU) की स्थापना की, जो पर्यावरण संरक्षण के बिश्नोई संदेश को आगे बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने समाज के विभिन्न प्राचीन धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार और मंदिरों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पर्यावरण और धर्म की रक्षा के लिए प्रसिद्ध, खेजड़ली गाँव में शहीद स्मारक का निर्माण भी उन्हीं के मार्गदर्शन में संभव हो सका। समाज के प्रति उनकी इन सेवाओं के लिए उन्हें “बिश्नोई रत्न” की उपाधि से भी अलंकृत किया गया था।

Bhajan Lal जी के जीवन और राजनीतिक करियर से हमें कई महत्वपूर्ण सबक मिलते हैं, खासकर नेतृत्व, राजनीतिक कुशलता और समुदाय के प्रति समर्पण के क्षेत्र में।


चौधरी भजन लाल से सीखने योग्य बातें (Lessons to Learn)

1. राजनीतिक कुशलता और लचीलापन (Political Acumen and Flexibility)

भजन लाल जी को हरियाणा की राजनीति में “हॉर्स-ट्रेडिंग का मास्टर” कहा जाता था। उनकी सबसे बड़ी सीख यह है कि राजनीतिक अस्थिरता के समय में भी वह कुशलतापूर्वक परिस्थितियों को अपने पक्ष में मोड़ लेते थे।

  • अस्तित्व की कला: उन्होंने दिखाया कि सत्ता में बने रहने के लिए त्वरित निर्णय लेने की क्षमता, गठबंधन बनाने और तोड़ने का साहस, और विपरीत परिस्थितियों में भी समर्थन जुटाने का लचीलापन कितना आवश्यक होता है। यह सबक सिखाता है कि बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राजनीतिक रूप से चुस्त और अनुकूलनीय (adaptable) होना ज़रूरी है।

2. ज़मीनी स्तर से शीर्ष तक का उत्थान (Rise from the Grassroots)

उनका जीवन साधारण शुरुआत से सर्वोच्च पद तक पहुँचने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

  • जनता से जुड़ाव: एक मज़दूर और गाँव के सरपंच से तीन बार मुख्यमंत्री बनने तक का उनका सफर बताता है कि जनता के साथ गहरा और सीधा जुड़ाव राजनीतिक सफलता की आधारशिला है। उन्होंने दिखाया कि यदि आप ज़मीनी हकीकत को समझते हैं और लोगों की समस्याओं से परिचित हैं, तो आप किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।

3. समुदाय और विरासत पर ध्यान (Focus on Community and Legacy)

अपने समुदाय के प्रति उनका समर्पण एक स्थायी विरासत छोड़ गया।

  • मूल्यों का सम्मान: गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (GJU) की स्थापना करके उन्होंने बिश्नोई धर्म के मुख्य मूल्य पर्यावरण संरक्षण को एक शैक्षणिक संस्था के माध्यम से आगे बढ़ाया।
  • शहीदों को श्रद्धांजलि: खेजड़ली में शहीद स्मारक का निर्माण कराकर उन्होंने इतिहास और समुदाय के बलिदान को न केवल सम्मान दिया, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी स्थापित किया। यह दर्शाता है कि एक नेता को अपनी जड़ों और सांस्कृतिक पहचान को अपनी नीतियों से जोड़ना चाहिए।

संक्षेप में, भजन लाल जी का जीवन हमें सिखाता है कि असाधारण राजनीतिक बुद्धि के साथ-साथ कड़ी मेहनत और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति समर्पण एक शक्तिशाली और स्थायी राजनीतिक करियर की नींव रखता है।

Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
Articles: 785

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *