
मेरे साथी मेरे हमदम – पं. रामजीलाल पूर्व सांसद (राज्य सभा) Part 1.
हम जीवन में अनेक लोगों के सम्पर्क में आते हैं। कई बार यह सम्पर्क साथ में भी बदल जाता है। परन्तु ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो हृदय में इतनी गइराई से बैठ जाते हैं कि दुनियां की कोई ताकत उन्हें निकाल नहीं सकती। वे मन मस्तिष्क पर पूरी तरह से छा जाते हैं। उनके व्यक्तित्व में हमें अपना हित ही हित दिखाई देता है। इस प्रकार वे हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन जाते हैं। ऐसे व्यक्ति के…








