Sanjeev Moga

Sanjeev Moga

1. पीपासर

यह गुरू जाम्भोजी का अवतार स्थल हैं । यह मुकाम से लगभग 10-20 कि.मी. दक्षिण में और नागौर से 30 कि.मी. उतर में है। गांव में जिस कुएं के पास जाम्भोजी ने सबदवाणी का प्रथम सबद कहा था वह गांव में हैं और अब बंद पड़ा हैं। इसी कुए पर राव दुदा जी ने जाम्भोजी  को चमत्कारिक ढ़ंग से पशुओ को पानी पिलाते हुए देखा था। वर्तमान साथरी जाम्भोजी के घर की सीमा में हैं। यहीं पर एक छोटी सी…

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शब्द 1 ओ3म् गुरु चीन्हों गुरु चीन्ह पुरोहित, गुरु मुख धर्म बखाणी

सात वर्ष की आयु में खेमनराय पुरोहित के प्रति यह प्रथम शब्दोच्चारण गुरू जम्भेश्वर जी ने किया सबद 1- ओ3म् गुरु चीन्हों गुरु चीन्ह पुरोहित, गुरु मुख धर्म बखाणी। भावार्थ- ओउम् यह परम पिता परमात्मा सर्वेश्वर अनादि निराकार भगवान विष्णु का ही परम प्रिय नाम है। नाम से ही नामी का ज्ञान होता है। सर्वप्रथम सृष्टि के आदि काल में तो वह परम सत्ता ओ3म् नाम से ही जानी जाती थी परन्तु आगे समयानुसार ही सत्ता शिव, राम, विष्णु आदि…

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गुरु महाराज की शब्द वाणी से दूर होते समाज के नए चेहरे

समाज के कुछ बुद्धिजीवी वेबिनार और कही डिजिटल तरीको से शब्दवाणी का ज्ञान बच्चो को देने की कोशिश में लगे हुए हैं। पर आज कल इंग्लिश मीडियम का प्रचलन जो हो चुका हैं इसकी वजह से बहुत सारे बच्चे हिंदी में भी सहज महसूस नहीं कर रहे या हिंदी उनका फेविरेट सब्जेक्ट नहीं रहा है ऐसे में हर माता पिता से अनुरोध हैं कि अपने बच्चो को शब्दवाणी से दोबारा जोड़ने के लिए शब्दवाणी की इंग्लिश में व्याख्या ही बच्चों…

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बिशनोई पंथ स्थापना दिवस पर विशेष

🙏🏻🙏🏻 निवण प्रणाम जी कार्तिक वदी अष्टमी के दिन सवत् 1542 विसनोई पंथ स्थापना दिवस कार्तिक वदी हरि कलश थापियो अन्न दे जीव उबारिया 1540 से 1542 तक लगातार भयंकर अकाल था उस समय गुरु जांभोजी ने अकाल ग्रस्त लोगों की अनेकों प्रकार अन्न- धन से सहायता की थी वह मानव का कल्याणार्थ अनेकों कार्य किए आज से ठीक *535 वर्ष* पूर्व गुरु महाराज जांभोजी ने *संभराथल* के पावन धोरे पर *कलश स्थापना* कर *बिश्नोई पंथ* का प्रवर्तन किया था…

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