

इंदिरा जी करती थीं पूरा विश्वास
वर्ष 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी फतेहाबाद में चुनावी प्रचार के लिए आई थी, तब उनका व्रत था। तब इंदिरा ने कहा था कि वे कुछ नहीं खाएंगी क्योंकि उनका व्रत है। इस पर भजनलाल बोले मैडम दूध और दूध से बनी दही व्रत में खा सकते हैं। इस पर इंदिरा दही खाने लगी तो सुरक्षा कर्मियों ने दही खाने से रोक दिया, इस पर इंदिरा ने कहा कि भजनलाल अगर जहर भी देगा तो भी मैं खा…

विकास पुरुष चौधरी भजनलाल (Part 1)
मनोज यादव गांव धमाना, हिसार जीवन का सबसे बड़ा सच मौत है, लेकिन इस सच पर भी सहसा विश्वास नहीं होता कि चौधरी भजनलाल आज हमारे बीच नहीं है। विश्वास नहीं होता कि ऐसे शालीन एवं शांत व्यक्ति के प्रति भी नियति इतनी निर्दयी हो सकती है। उनकी वह सौम्य मुस्कान जन-जन के मन में चिरस्थायी रहेगी। उनका आशावादी मधुर स्वर हमारे मनों में हमेशा गूंजता रहेगा। राजनीति में दोस्ती व दुश्मनी स्थायी नहीं होती, लेकिन अपने विरोधी को भी…

विकास पुरुष चौधरी भजनलाल (Part 2)
चौधरी भजनलाल की गिनती हमेशा से ही दबंग नेताओं में रही है। उन्होंने अपनी दबंगई कमजोरों व लाचारों पर नहीं बल्कि अत्याचारियों से निपटने के लिए चलाई। आज भी प्रदेश की 36 बिरादरी की लीडरशिप में सबसे दमदार नेता के तौर पर पहचान चौधरी भजनलाल से ही की जाती है। चौधरी भजनलाल की प्रदेश के हर कोने में गहरी पैठ रही है जिसकी बदौलत प्रदेश की यू.पी. सीमा से सटे फरीदाबाद, मध्यक्षेत्र करनाल और दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र हिसार से वे खुद…

किसान हितैषी चौधरी भजनलाल
डा. माया बिश्नोई ,डा. मदन खीचड़ 10-ए/11, न्यूकैंपस कृषि मौसम वैज्ञानिक एच.ए.यू.,हिसार ह.कृ.वि.,हिसार, धरती पर ऐसे कुछ विरले ही महापुरुष जन्म लेते हैं जो आम आदमी की सेवा में अपना पूरा जीवन लगा देते हैं, उन्हीं में से एक थे चौधरी भजनलाल। विलक्षण प्रतिभा तथा समाजहित के गुणों के धनी चौधरी भजनलाल का जन्म एक सामान्य कृषक परिवार में 6 अक्तूबर, 1930 को बहावलपुर रियासत के कोड़ांवाली गांव में हुआ जो अब पाकिस्तान में है। भारत-पाक विभाजन पर भारत सरकार…

पर्यावटण रक्षक चौधरी भजनलाल जी (Part 1)
दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन ने महात्मा गांधी के निधन पर कहा था कि आने वाली पीढ़ियां शायद ही यह विश्वास करे कि इस धरा पर हाड़ मांस का कोई व्यक्ति हुआ होगा जिसने सत्य और अहिंसा के बल पर भारत को अंग्रेजों के कुशासन से मुक्ति दिलवाई और हर भारतीय ने आजादी की सांस ली थी। उस वक्त आईस्टाइन तो क्या कोई भी नहीं जानता था कि परमपिता परमात्मा ने बापू के आदशों और गुरु जम्भेश्वर की शिक्षाओं…

पर्यावटण रक्षक चौधरी भजनलाल जी (Part 2)
वन संरक्षण अधिनियम Forest conservation Act-1980 का व्यापक संशोधन करते हुए वनों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कड़े से कड़े नियम लागू करवाए। जिसमें किसी भी विकास परियोजना के क्रियान्वयन से पूर्व पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति आवश्यक कर दी गई। अगर किसी कारणवश पेड़ों को काटना जरूरी समझा गया तो मंत्रालय को मुआवजा राशि के साथ-साथ उतनी ही जमीन पर बदले में और पेड़ लगाना सुनिश्चित किया गया। जब सन् 1984 में राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने गंगा…

चौधरी भजनलाल जी की शख्सियत
एक समय हरियाणा की सियासत तीन लालों देवीलाल, बंसीलाल, भजनलाल के इर्द-गिर्द घूमती थी। वैसे तो सभी लालों की अपनी खासियत थी। लेकिन भजनलाल के व्यक्तित्व का एक पहलू ऐसा था जो दूसरे लालों से उन्हें जुदा करता था। राजनीति की चौसर में भी अपने पर हावी होने वाले विरोधियों को अकस्मात मात दे देना उनकी खूबी थी। हरियाणा की सियासत के प्रारम्भिक सफर में उनके साथी रहे चौधरी देवीलाल, मगर राजनीतिक मतभेदों के चलते वे देवीलाल से अलग हो…

हरियाणा के नव-निर्माण में चौधरी भजन लाल की भूमिका (Part 1)
। डा. महेन्द्र सिंह # अध्यक्ष, इतिहास विभाग, दयानंद महाविद्यालय, हिसार आज हरियाणा का नाम जैसे ही किसी के मन में या जुबान पर आता है तो सहसा एक प्रगतिशील, उन्नत व आधुनिक प्रदेश का चित्र मानस पटल पर बनता है। यह क्षेत्र पहले अंग्रेजी शासन व्यवस्था के दमन का शिकार बना तथा स्वतंत्रता के पश्चात् राजनैतिक भेदभाव का। दमन व भेदभाव के परिणामस्वरूप इस क्षेत्र के लिए अलग राज्य की मांग उठी जिसे पहले नकारा जाता रहा तथा बाद…

हरियाणा के नव-निर्माण में चौधरी भजन लाल की भूमिका (Part 2)
अपनाई गई लोकहित की नीतियों को भी आगे बढ़ाया गया। शहरी स्थानीय निकायों में कर्मचारियों के वेतनमान सम्बन्धी फैसले तथा निकायों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए विशेष व्यय व्यवस्था की ओर ध्यान दिया, जिसके फलस्वरूप शहरी विकास की प्रक्रिया को नई दिशा मिली। उनके इस शासन काल में पंजाब के साथ एस.वाई.एल. विवाद तथा चण्डीगढ़ का मुद्दा इस कार्यकाल में छाया रहा। इस मुद्दे पर उन्होंने हरियाणा की बेहतर ढंग से पैरवी की जिसका परिणाम यह रहा…

छत्तीस बिरादरी के राजनेता थे चौधरी भजनलाल जी (Part 1)
मनोहर लाल गोदारा सचिव, बिश्नोई सभा हिसार चौधरी भजनलाल ग्रामीण आंचल से जुड़े, किसानों के मसीहा, आम जनता से सीधे संवाद स्थापित करने वाले भूमि पुत्र थे। आखिरी समय तक जनता की समस्याओं का समाधान करने तथा उनकी फिक्र में लगे रहे। हमेशा आशावादी रहे। जब भी कोई उनके पास किसी कार्य को लेकर जाता था तो कभी किसी को निराश नहीं किया। एक बार जो उनसे मिल लेता था उसे भूलते नहीं थे तथा अपने क्षेत्र के लोगों को…

छत्तीस बिरादरी के राजनेता थे चौधरी भजनलाल जी (Part 2)
थी। इस सरकार को बहुमत में बदलकर लगातार पांच साल सरकार चलाई जिसका चर्चा हमेशा अखबारों में होती रही है। एक साधारण परिवार से उठकर राजनैतिक ऊंचाइयों को छूना अपने आपमें एक मिसाल है तथा बिश्नोई समाज के लिए गौरव की बात है। 36 बिरादरी के एकमात्र सर्वमान्य व सर्वप्रिय नेता चौधरी भजनलाल 27 जून 1979 को पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने, दूसरी बार सन् 1982 तथा तीसरी बार सन् 1991 में मुख्यमंत्री बने। इस तरह तीन बार 12…

उदार हृदय के राजनेता थे चौधरी भजनलाल जी (Part 1)
अरुण जौहर, संयुक्त निदेशक लोक सम्पर्क एवं सूचना विभाग, हरियाणा सरकार క్ష్ हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे चौधरी भजनलाल राष्ट्रीय स्तर के राजनेता थे, जिन्होंने भारत के कृषि और वन एवं पर्यावरण मंत्री पद को भी सुशोभित किया था। 6 अक्टूबर, 1930 को बहावलपुर रियासत (अब पाकिस्तान) के गांव कोड़ांवाली में एक साधारण बिश्नोई किसान परिवार में जन्म लेने के बाद 3 जून,2011 को हिसार शहर में ब्रह्मलीन होने तक चौधरी भजन लाल जी ने जिन राजनैतिक एवं सामाजिक…