

गुरु जम्भेश्वर धुन
यदि आप यहाँ पर कुछ नहीं देख प् रहे इसका मतलब है की आप की एप्लीकेशन पुरानी है | नीचे दिए हुए लिंक पर जाकर अपडेट करें धन्यवाद् Download

सुगरा प्रथा क्या है?
Renu Bishnoi किसी अन्य मत/सम्प्रदाय/पंथ/धर्म के अनुयायीयों को अपने मत/सम्प्रदाय में दीक्षित करने की परम्परा को नाम-दीक्षा, नाम-दान, नाम-लेना आदि के नाम से जाना जाता है। इस प्रक्रिया में एक गुप्त नाम/मंत्र किसी डेरे, आश्रम, मठ, पीठ आदि से संबंधित डेरा प्रमुख, धर्म-गुरु, महंत, पीठाधीष आदि द्वारा उस व्यक्ति को दिया जाकर अपने पंथ में शामिल कर लिया जाता है । और इस विधि से दीक्षित वह व्यक्ति अपने पूर्व मत के धर्म सिद्धान्तों का परित्याग कर उस नवीन मत…

जम्भेश्वर भगवान गुरुजी
Read Moreजम्भेश्वर भगवान गुरुजी
Basic Meditation By Sandeep maheshwari
Read MoreBasic Meditation By Sandeep maheshwari
जाम्भाणी संत सूक्ति
परमानन्दजी वणियाल जो करता सोइ भोग्यता, आडो आवत सोय। अपणौ कीयो भोगवै, हरि कूं दोस न कोय। भावार्थ जीव जैसा कर्म करता है वैसा ही उसे फल मिलता है, अपने बुरे कर्मों का फल भोगते समय भगवान को दोष नहीं देना चाहिए।

Eco Dharma part 2
Read MoreEco Dharma part 2
Eco Dharma part 1
Read MoreEco Dharma part 1
Khejarli Ek Film
Read MoreKhejarli Ek Film
Shri Guru Jambheshwar Bhagwan ka Sandhya Mantra
Read MoreShri Guru Jambheshwar Bhagwan ka Sandhya Mantra
Premsukh Bishnoi IPS Motivational Video
Read MorePremsukh Bishnoi IPS Motivational Video
बिश्नोई भजन सोमवती अमावस्या पर बढ़िया बिश्नोई भजन
वीडियो न्यूज़ की टेस्टिंग की जा रही है यह फीचर आज लांच किया जाएगा | धन्यवाद्

🌺 जाम्भाणी संत सूक्ति 🌺
परमानन्दजी वणियाल विष वेली अपणै कर वाहै,इम्रत फल कैसे पाई।करै जका लेखा हरि मांगै,जदि जीवड़ो पछताई भावार्थ अपने हाथ से जहर की बेल बोई है तो उसके अमृत फल कहां से लगेंगे।जीवन भर पापकर्मों में रत रहने के बाद मरणोपरांत सद्गति की इच्छा करना बेकार है।किये हुए कर्मों का हिसाब जब भगवान लेता है तो पापी जीव बहुत पछताता है।