

खिलते पुष्प (April 2023)
डॉ. शिवदीप बिश्नोई सुपुत्र श्री कृष्ण कुमार | देहडू निवासी गांव चपला मोरी, तहसील व जिला फतेहाबाद, हरियाणा का चयन महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज, अग्रोहा में जूनियर रेसिडेंट (JR) के पद पर हुआ है । रमन धारनियां सुपुत्र श्री बलराम धारनियां, निवासी गांव भूना, जिला फतेहाबाद का चयन उत्तर प्रदेश पुलिस में उप-निरीक्षक के पद पर हुआ है। सुभाष चंद्र सुपुत्र स्व. श्री मांगे राम भाम्भू, निवासी सदलपुर, हिसार की पदोन्नति शिक्षा विभाग में प्राचार्य पद सेखंड शिक्षा अधिकारी के…

बिश्नोई समाज की इस बेटी का योग देख कर दांतो तले ऊँगली दबाने को मजबूर हो जाओगे
भाकरासनी की महज 7 साल और 7 महीने की परिणीति की पहचान अब योगा एक्सपर्ट के रूप में है। वर्ल्ड लेवल पर हुए टैलेंट शो में अवार्ड हासिल कर चुकी परिणीति ढाई साल में 5 हजार से ज्यादा बच्चों को योग सिखा चुकी है और कई स्कूलों में तो हर सप्ताह में एक दिन 2 घंटे योगा टीचर के रूप में क्लासेज ले रही हैं। पिता रामचंद्र विश्नोई अपनी होनहार बेटी को रोज एक्सरसाइज के साथ नए-नए टिप्स भी दे…

सोनू धायल, स्कूल व्याख्याता , राजनीति विज्ञान, पद पर चयन होने पर हार्दिक बधाई
#सोनू पुत्री स्वर्गीय श्री मनफूल सिंह जी धायल निवासी कोलायत (नायब तहसीलदार) का #स्कूल_व्याख्याता , राजनीति विज्ञान, पद पर चयन होने पर हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की अग्रिम शुभकामनाएँ।

राजेश बिश्नोई ETT Teacher Punjab
श्री गुरु जंभेश्वर भगवान की असीम कृपा से #राजेश_बिश्नोई सुपुत्र श्रीमति मानती देवी एवं श्री धर्मपाल जी बिश्नोई (निवासी- जिला हिसार तहसील आदमपुर के गांव सदलपुर हरियाणा) का ETT Teacher Punjab मैं चयनित होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

नरसी राम बिश्नोई को गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर नियुक्त होने पर हार्दिक बधाई
प्रो. नरसी राम बिश्नोई, कुलपति जीजेयू हिसार। – हरियाणा के हिसार स्थित गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी (जीजेयू) के शिक्षकों, कर्मचारियों व विद्यार्थियों का इंतजार मंगलवार की रात को पूरा हो गया। 1 साल 8 महीने बाद आखिर जीजेयू को स्थायी कुलपति मिल गया है। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रो. नरसी राम बिश्नोई को कुलपति नियुक्त किया है। इससे पहले 1 साल 8 महीने तक हरियाणा कृषि यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. बीआर कांबोज को…

अमर ज्योति मार्च 2023
अमर ज्योति मार्च 2023

श्री गुरु जम्भेश्वर चालीसा
ओउम नमों गुरुजम्भ्जी, चरण नवांऊ शीश | पर ब्रह्मपरमात्मा, पूर्णविश्वा बिश |जय गुरु जम्भेश्वर जय गुरु दैया | सत चित आनन्द अलख अभेवा ||१||लोहट घर अवतार धरया | माता हंसा लाड लडाया ||२||सकल सुष्टि के तुम हो स्वामी | घट-घट व्यापक अन्तर्यामी ||३||ब्रह्मा, विष्णु अरु महादेवा | ये सब करै आपकी सेवा ||४||सुरनर मुनिजन ध्यान लगावै | अलख पुरुष थारो भेद न पावे ||५||हाड, मांस,लोहू नहीं काया | आप ही ब्रहम आप ही माया ||६||दस अवतार आप ही धारा |…

श्री शिव चालीसा
।।दोहा।। श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥1॥मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न…

हनुमान चालीसा
हनुमान चालीसा तुलसीदास की अवधी में लिखी एक काव्यात्मक कृति है जिसमें प्रभु राम के महान भक्त हनुमान के गुणों एवं कार्यों का चालीस चौपाइयों में वर्णन है। यह अत्यन्त लघु रचना है जिसमें पवनपुत्र श्री हनुमान जी की सुन्दर स्तुति की गई है। इसमें बजरंग बली की भावपूर्ण वंदना तो है ही, श्रीराम का व्यक्तित्व भी सरल शब्दों में उकेरा गया है। वैसे तो पूरे भारत में यह लोकप्रिय है किन्तु विशेष रूप से उत्तर भारत में यह बहुत…

महामृत्युंजय मंत्र
महामृत्युञ्जय मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र (“मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र”) जिसे त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है, यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में, भगवान शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वंदना है। इस मंत्र में शिव को ‘मृत्यु को जीतने वाला’ बताया गया है। यह गायत्री मंत्र के समकालीन हिंदू धर्म का सबसे व्यापक रूप से जाना जाने वाला मंत्र है। मंत्र ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ महामृत्युंजय मंत्र ऋग्वेद का एक श्लोक है यह…

गायत्री महामंत्र
गायत्री महामंत्र (वेदों का एक महत्त्वपूर्ण मंत्र है जिसकी महत्ता ॐ के लगभग बराबर मानी जाती है। यह यजुर्वेद के मंत्र ॐ भूर्भुवः स्वः और ऋग्वेद के छंद 3.62.10 के मेल से बना है। इस मंत्र में सवित्र देव की उपासना है इसलिए इसे सावित्री भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के उच्चारण और इसे समझने से ईश्वर की प्राप्ति होती है। ‘गायत्री’ एक छन्द भी है जो ऋग्वेद के सात प्रसिद्ध छंदों में एक…

अमावस्या व्रत कथा
सर्वप्रथम गुरूदेव की वन्दना करता हूं, क्योंकि गोविन्द से भी गुरू महान है। गुरू को प्रणाम करने के पश्चात् सभी सन्तों को प्रणाम करता हूं। तत्पश्चात् विष्णु परमात्मा को नमन करता हूं, क्योंकि विष्णु को प्रणाम करने से व्याधि शारीरिक रोग-कष्ट मिट जाते है तथा मानसिक बीमारियां भी जिनकी वन्दना करने से नष्ट हो जाती है। जिस विष्णु की कृपा के प्रताप से हृदय में ज्ञान का प्रकाश हो जायेगा। अनेक जन्मों के किये हुए पाप कर्म कट जायेंगे और…