नारी उत्थान के पैरोकार थे बिश्नोई रत्न भजनलाल

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श्रीमती नीरू बिश्नोई 1637, सैक्टर-15, पंचक्कूला-134113 ज्यूं ही 3 जून,2011 को सायं 5.00 बजे के बाद लोगों को बिश्नोई समाज के राजनैतिक पितामह, मसीहा, हिसार से सांसद और हरियणा के पूर्व मुख्यमन्त्रीबिश्नोई रत्नचौधरी भजनलाल जी के देहावसान का समाचार मिला तो सब ओर शोक की लहर दौड़ गई और लोगों का उनके अन्तिम दर्शनों के लिए उमड़ पड़ा एक बहुत बड़ा जन सैलाब। 4 जून,2011 को उनकी स्वर्गधाम अन्तिम यात्रा के समय ऐसा लग रहा था मानो सम्पूर्ण जिला हिसार एवं हिसार शहर जैसे थम से गया हो। लाखों की संख्या में लोग इस अवसर पर मौजूद थे, वहीं हरियाणा का पूरा मन्त्रिमण्डल और नेता प्रतिपक्ष भी उपस्थित थे तथा नम थी सबकी आँखें। चौधरी भजनलाल जहाँ एक कुशल राजनेता, स्त्री शिक्षा के प्रबल समर्थक थे, वहीं वे सामाजिक बुराइयों पर्दा प्रथा, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या के घोर विरोधी थे। स्त्रियों के हितों के लिए उन द्वारा उठाए गए कुछ कदमों की चर्चा यहां प्रासांगिक होगी। स्त्रीशिक्षाकसमर्थक :
शिक्षा इन्सान का तीसरा नेत्र होती है। चौधरी भजनलाल जी महिलाओं के लिए शिक्षा को बहुत ही महत्व देते थे। यही कारण है कि उन्होंने अपने मुख्यमन्त्रीत्व काल में बी.ए. तक लड़कियों की शिक्षा मुफ्त कर दी थी। हरियाणा के मुख्यमन्त्री चौधरी भजनलाल के भाषणों का संकलन पुस्तक के पृष्ठ संख्या 48 के अनुसार 23-24 दिसम्बर, 1991 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में प्रधानमन्त्री को सम्बोधित भाषण में चौधरी भजनलाल जी ने कहा था- जहाँ तक शिक्षा तथा स्वास्थ्य का सम्बन्ध है, मेरा विचार है कि शिक्षा के प्रसार के बिना विकास का काम अधूरा है। इसलिए हमने हरियाणा में लड़कियों के लिए बी.ए. तक की शिक्षा नि:शुल्क कर दी गई है, क्योंकि हमारे प्रदेश में नारी शिक्षा की काफी कमी है।”
stylchl lish 14 fidler, 1992 “The Chief Ministers Conference on Human Rights, New Delhi” अंग्रेजी के भाषण में इसी पुस्तक के अंग्रेजी भाग के पृष्ठसंख्या 48 पर क्लॉज 19 में उन्होंने कहा है:
“In Haryana, we are providing free education to women of all sections upto graduate level. Similarly No Tution fee is being Charged from women studying in the technical Institutions. These steps taken by us had benifited girls especially those belonging to the Scheduled Castes, Backward Classes, weaker sections and poor sections of society. Education will make them more conscious to their rights and will enhance their self
confidence.” भजनलाल जी ने इसी प्रकार की बातें ऐसे ही विचार अनेक राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों में बार-बार प्रकट किये हैं। इससे स्वत: ही समझा जा सकता है कि स्त्री शिक्षा को वे कितना महत्व देते थे। पदप्रथा कविरोधी :
हरियाणा के मुख्यमन्त्री के रूप में अथवा मन्त्री या केन्द्रीय मन्त्री के रूप में या सांसद के रूप में सदैव प्रत्येक अवसर पर, हर मुकाम मेले में अथवा अन्य मेलों में और जन्माष्टमी के अवसर पर चौधरी भजनलालजी ने खुले मन से पर्दा प्रथा का विरोध किया था। उन्होंने स्वयं अपने परिवार में किसी महिला को पर्दा करने की अनुमति नहीं दी और स्वयं अपने से इस बुराई के खात्मे की शुरूआत की थी।

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Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
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