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चौधरी भजनलाल जी एक बहुत ही आस्थावान व विनम्र स्वभाव के महापुरुष थे। दूसरों के प्रति प्रेम, सम्मान व दया उनके हृदय में भरी हुई थी। बुजुर्गों और साधु संतों के प्रति तो उनके हृदय में अत्यन्त आदरभाव था। व्यापार के सम्बन्ध में चौधरी साहब पचास के दशक में लुधियाना अक्सर आते-जाते थे। उनका लुधियाना आना-जाना अधिकतर रेलगाड़ी से होता था। एक बार वे रेलगाड़ी द्वारा लुधियाना से सिरसा आ रहे थे। गाड़ी में अत्यन्त भीड़ थी। उसी गाड़ी में डेरा सच्चा सौदा, सिरसा के संस्थापक मस्ताना जी सवार हुए। चौधरी भजनलालजी वृद्ध-फकीर को देखकर अपनी सीट से उठे और मस्ताना जी को अपनी सीट पर बैठा दिया। मस्ताना जी अत्यन्त प्रसन्न हुए और कहा बेटे! एक दिन तुम बहुत बड़े आदमी बनोगे।” संत महापुरुष के वचन फलित हुए और चौधरी भजनलाल जी सचमुच एक महान व्यक्ति बने।
-द्वारका प्रसाद एडवोर्कट, फतेहाबाद
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