खिलते पुष्प : सुशील बिश्नोई

गूगल प्ले स्टोर से हमारी एंड्रॉइड ऐप डाउनलोड जरूर करें, शब्दवाणी, आरती-भजन, नोटिफिकेशन, वॉलपेपर और बहुत सारे फीचर सिर्फ मोबाइल ऐप्प पर ही उपलब्ध हैं धन्यवाद।

खिलते पुष्प
सुशील बिश्नोई को 631वीं रैंक, पढ़ाने के लिए मां ने गहने बेचे, सिलाई का काम किया

मां के साथ सुशील

सुशील बिश्नोई ने जेईई में जनरल कैटेगरी में 631वीं रैंक हासिल की है। सुशील दो साल का था, उस वक्त पिता घर छोड़कर चले गए थे। तीन भाइयों की जिम्मेदारी मां सुमन देवी पर आ गईं। सुशील को पढ़ाने के लिए मां के पास फीस नहीं थी। उसकी मां उसे सीकर लेकर आई। तब 11वीं में दाखिला दिलाने के लिए खुद के गहने बेचने पड़े। 12वीं क्लास में स्कूल को पता चला तो उन्होंने फीस माफ की। सुशील हिंदी मीडियम से था, लेकिन उसकी जिद की थी कि घर की स्थिति सुधारनी है। क्योंकि-उसकी मां सिलाई और मजदूरी करके घर चला रही है। मां बताती है कि घर पर कोई नहीं चाहता था कि मैं सुशील की पढ़ाई जारी रखूं। इंग्लिश मीडियम में आने के बाद सुशील ने संघर्ष जारी रखा और हाल ही में 95.60 फीसदी अंक हासिल किए। सुशील का कहना है कि सफल होने के लिए जरूरी है कि आप कभी मायूस नहीं हो और खुद पर भरोसा रखें। सुशील की मां मंडी अदमपुर के घर में रंग-रोगन कर रही हैं। उन्हें यकीन था कि सुशील जेईई एडवांस जरूर क्रेक करेगा।

गूगल प्ले स्टोर से हमारी एंड्रॉइड ऐप डाउनलोड जरूर करें, शब्दवाणी, आरती-भजन, नोटिफिकेशन, वॉलपेपर और बहुत सारे फीचर सिर्फ मोबाइल ऐप्प पर ही उपलब्ध हैं धन्यवाद।

Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
Articles: 799

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *