जाम्भाणी संत सूक्ति

“मरते पावै पीव कूं,
जीवंत वंचै काल।
नीरभै हरि नाम ले,
दोनों हाथ दयाल।
-(परमानन्दजी वणियाल)
-भावार्थ-‘ भगवान का नाम जीव के लोक और परलोक दोनों संवारता है, जीवित रहते संकटों से रक्षा करता है और मरने के बाद भगवान से मिलाता है।’
(जम्भदास)

Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
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