3. परम पुज्य स्वामी भागीरथदास जी आचार्य

परम पुज्य स्वामी भागीरथदास जी आचार्य जम्भ वाणी के 120 शब्दों के हवन उपरान्त जम्भेश्वर भगवान की आरती करते हुए
पुज्य स्वामी भागीरथदास जी आचार्य के चरणो मे बार बार प्रणाम .
निवण बड़ी संसार में नहीं नीवे सो नीच
नीवं नदी रो रूंखड़ो, रेवे नदी रे बीच
नींवे जो आमा आमली, नीवं दाड़म दाख
इरंड बिचारा क्या करे जांरी अ ओछी कहीजे साख


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Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
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