गूगल प्ले स्टोर से हमारी एंड्रॉइड ऐप डाउनलोड जरूर करें, शब्दवाणी, आरती-भजन, नोटिफिकेशन, वॉलपेपर और बहुत सारे फीचर सिर्फ मोबाइल ऐप्प पर ही उपलब्ध हैं धन्यवाद।

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सुरगां हूंता स्वयंभू आयौ
पूर्व जन्म का एक तपस्वी कारणवश पुनः मनुष्य के रूप में उत्पन्न हुआ। उसे अपने पूर्व जन्म में घटित वह घटना याद रही, जिसके कारण उसे पुनः जन्म धारण करना पड़ा। अतः वह जन्म से ही मौन रहा। कभी किसी से कुछ नहीं बोला।जब वह दस बारह वर्ष का हो गया और बोला नहीं तो उसकी मां को बड़ी चिंता हुई।ऐसा सुंदर सुशील,समझदार पुत्र पाकर भी जब वह कुछ नहीं बोले, हर समय मौन रहे तो माँ का दुखी होना स्वाभाविक था। वह स्त्री बालक को लेकर समराथल धोरे पर गुरु महाराज के पास आई तथा उसने अपनी दुःख की बात बताई। गुरु महाराज ने अपने योग बल से बालक के पूर्व जन्म को जान लिया तथा एक चुटकी बजाई।गुरु महाराज का संकेत समझकर बालक ने उल्टा गुरु महाराज से ही प्रश्न किया कि आप तो स्वर्ग में रहते थे,इस मरुभूमि में किस कारण आना हुआ ?मोनी बालक का प्रश्न सुन गुरु महाराज ने उसे यह शब्द कहा:-
सुरगां हुँते सिम्भूं आयो कहो कुणां के काजै नर निरहारी एक लवाई परगट जोत विराजै

हे ब्रह्मचारी! तुमने जो यह प्रश्न किया है कि हम पहले स्वर्ग में रहते थे,यहां इस मरुस्थल भूमि में किस कारण से आये हैं?तथा मनुष्य देह पाकर भी हम यहाँ निराहारी, एकाकी अकेले,ज्योति स्वरूप धारण किए क्यों विराजमान हो रहे हैं? तो तुम हमारा यह उत्तर सुनो।

प्रहलादा सूँ वाचा कीवी आयो बारां काजै बारां में सूँ एक घटे तो सूँ चेलो गूरू लाजै

हमने नृसिंह अवतार रूप में अपने भगत प्रल्हाद को सतयुग में एक वचन दिया था कि हम उसके तैतीस करोड़ साथी विष्णु भक्त जीवों का समय समय पर उद्धार कर देंगे।सत्,त्रेता,द्वापर युगों में हमने क्रमशः पांच,सात,नौ करोड़ जीवों का उद्धार तो कर दिया था, शेष रहे बारह करोड उन्हीं प्रह्लाद पंथी जीवो को मुक्ति का मार्ग दिखा कर, उनका उद्धार करने हम यहाँ जंभेश्वर रूप में इस मरूप्रदेश में अवतरित हुए हैं। अतः हम यहाँ उन्हीं बारह करोड जीवों को चुन- चुन कर मुक्ति दे रहे हैं और उनमें से यदि एक भी जीव बिना मुक्ति पाये रह गया तो प्रह्लाद के गुरु विष्णुरूप हमें, अपने ही प्रिय शिष्य के प्रति एक संकोच का अनुभव होगा।हम बाहर करोड़ जीवों को मुक्ति देने आये हैं।
क्षमा सहित निवण प्रणाम
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जाम्भाणी शब्दार्थ

गूगल प्ले स्टोर से हमारी एंड्रॉइड ऐप डाउनलोड जरूर करें, शब्दवाणी, आरती-भजन, नोटिफिकेशन, वॉलपेपर और बहुत सारे फीचर सिर्फ मोबाइल ऐप्प पर ही उपलब्ध हैं धन्यवाद।


Discover more from Bishnoi

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
Articles: 1195

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *