पीपासर नगरी एवं मन्दिर की विशेष कविता

गूगल प्ले स्टोर से हमारी एंड्रॉइड ऐप डाउनलोड जरूर करें, शब्दवाणी, आरती-भजन, नोटिफिकेशन, वॉलपेपर और बहुत सारे फीचर सिर्फ मोबाइल ऐप्प पर ही उपलब्ध हैं धन्यवाद।

कभी पीपासर आई बहार थी, है कथा जम्भगुरु अवतार की
कभी पीपासर आई बहार थी,
है कथा जम्भगुरु अवतार की ।।
मर्म सब पीपासर के अन्दर है,
वहाँ श्री जम्भगुरु का मन्दिर है ।।
मरुभूमि को हम सबने निहारा है,
श्री गुरु अवतार सबसे न्यारा है ।।
बात बहुत है हर्ष-डत्कर्ष की,
मनाते जन्माष्टमी हर वर्ष की ।।
जन्माष्टमी पर यात्री अब आते हैं,
देख उत्सव नजारे बहुत आते हैं ।।
जहाँ भक्ता ें आ शीश झुकाया हैं,
सबने आशीर्वाद गुरु का पाया हैं ।।
रखा कमण्डल वहाँ गुरु की धरोहर है,
है लोहट का पलंग, माळा में हरो हर है ।।
जन्माष्टमी को जागरण होता है,
साखी सबदों मुग्ध भक्त होता है।।
फेरी चाकी माँ हँसा भोजन बनाया था,
सबका जीवन धन्य माता ने बनाया था ।।
पीपासर अलग ढग़ं का गाँव है,
पड़े जहाँ श्री जम्भगुरु के पाँव है।।
मैं गुरु चमत्कार सबको सुनाता हूॅं,
रोचक कथा आज मैं बतलाता हूॅं।।
ठुमक ठुमक चरण धरे जम्भगुरु,
माँ हँसा को प्रसन्न करै जम्भगुरु।।
मौन धार गुरुजी शक्ति का संचार किया,
जीवन शिरोमणी ग्वालों का संवार दिया ।।
सृजनहार सृष्टि के कहावै लोहट लाल,
बचा पर्यावरण वन्य सम्पदा के रखवाळ ।।
सिर पै है टोपी गुरु, हाथ काली माला,
निरख परख गुरु को होवै जगत निहाल ।।
पूर्ण ब्रह्म गुरुजी आय लियो है अवतार,
अमरज्योति जलाई कियो है बेड़ो पार।।
पार नहीं पायौ थारो, ब्रह्म विष्णु महेश,
शिरोमणी पंथ हित धारयो गुरुजी भेष ।।
पीपासर गांव गली सब खुशहाल थे,
राजा कर्णधार निवाते उनको भाल थे ।।
लोहटजी बहाया बहुत पसीना भाई,
जंगल की तपस्या ने तकदीर बनाई ।।
बिदै को गुरुजी विराट दिखाया,
सिकन्दर लोदी दिल्ली को चेताया।।
पाताल दिखा पूल्ह की कीर्ति बनाई,
बिना बादल जम्भगुरुी वर्षा करवाई ।।
हैरान लीला देख जोगी, भोगी प्रधान,
निहाल बहुत हुआ पीपासर समाज ।।
लोहट सुत बन आया कृष्ण मुरार,,
विष्णु भजन बतायो होवै बेड़ा पार।।
है गुरु जम्भेश्वर का सन्देशा खास,
29 नियम धारण करो, कर विश्वास ।।
पीपासर गुरु नगरी जाणैं सकल जहान,
जिसको पढ़ सुन करो अपना कल्याण ।।
पीपासर जम्भगुरु लिया अवतार था,
सदोपदेश देकर किया भव पार था।।
“पृथ्वीसिंह” जम्भगुरु की महिमा गाई,
पीपासर नगरी की थानै कथा सुनाई ।।
पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई,
वरिष्ट पत्रकार एवं संस्थापक सदस्य जाम्भाणी साहित्य अकादमी, बीकानेर तथा मीडिया प्रभारी
हरियाणा प्रदेश, अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा, अबोहर
श्री ओ३म विष्णु निवास, हाऊस नम्बर 313, सैक्टर-14, हिसार, मो.नं. 094676.94029

गूगल प्ले स्टोर से हमारी एंड्रॉइड ऐप डाउनलोड जरूर करें, शब्दवाणी, आरती-भजन, नोटिफिकेशन, वॉलपेपर और बहुत सारे फीचर सिर्फ मोबाइल ऐप्प पर ही उपलब्ध हैं धन्यवाद।

Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
Articles: 799

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *