

दिनांक 03.6.2011 को मैं अपने परिवार के साथ साय टी.वी. देख रहा था। उस समय सभी चैनलों पर बाबा रामदेव के उठाये मुद्दों पर खबरें आ रही थीं। उसी दौरान टी.वी. पर समाचार आया कि हरियाणा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल का आज हिसार में हृदय गति रूकने से देहान्त हो गया। ज्यों ही मैंने यह खबर पढ़ी मेरी आँखों में आंसू आ गये, मुझे बड़ा दु:ख हुआ, बच्चों ने पूछा पापा आपकी आखों में आँसू क्यों आये तो मैंने उनको बताया कि आज देश के कर्णधार व कद्दावर नेता चौधरी भजनलाल जी का देहान्त हो गया। इससे देश, प्रदेश को तो नुक्सान हुआ साथ ही सबसे बड़ा नुक्सान बिश्नोई समाज को हुआ, क्योंकि बिश्नोई समाज की तरक्की व खुशहाली में जो सेवा चौधरी भजनलालजी ने की है वह अपने आप में अद्वितीय है।
बिश्नोई समाज जो चाहे पूरे देश में कहीं पर भी बसा हुआ है उसको चौधरी साहब ने एक नई दिशा दी तथा उनके नेतृत्व में समाज ने बहुत ज्यादा तरक्की की थी तथा उन्होंने समाज को एक सूत्र में पिरोकर रखा हुआ था। वह बहुत मिलनसार व हंसमुख व्यक्ति थे। मैंने उनको जब भी कहीं देखा व उनसे कुछ सुना तो उनमें एक खास बात थी वह सबसे बहुत खुश होकर मिलते थे तथा कभी उनके चेहरे पर उदासी नहीं देखी। पहले चौधरी रामसिंह बिश्नोई प्रधान अ.भा. बिश्नोई महासभा व चौधरी भागीरथ बिश्नोई (पूर्व डी.जी.पी.) व अन्य बिश्नोई समाज के अग्रणी नेताओं के जाने से जो क्षति समाज को हुई वह चौधरी भजनलाल जी बिश्नोई रत्न के होते हुये कभी महसूस नहीं हुई। अब चौधरी साहब के अचानक जाने के बाद बिश्नोई समाज को दिशा देने वाला नेतृत्व इस समय नजर नहीं आ रहा। चौधरी साहब को बिश्नोई समाज कभी भुला नहीं पायेगा। उनको समाज पल-पल याद रखेगा।
अरविन्द कुमार पूनियां, गांव बाजीतपुर भोमा, तह. अबोहर (पंजाब)
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