आज विश्नोई स्थापना दिवस व हरियाणा स्थापना दिवस की सभी को बहुत बहुत हार्दिक शुभ कामनाये

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सभी विश्नोई पंथ के अनुयायियों को नवण प्रणाम

ठीक आज से 533 वर्ष पूर्व गुरु जांभोजी ने पवित्र बिश्नोई पंथ की स्थापना की और एकेश्वरवाद पर बल दिया कार्तिक बदी अष्टमी के दिन विक्रमी सवंत 1542
समराथल के पावन धोरे पर गुरु महाराज जाम्भोजी ने भटके हुए लोगों को संकल्प दिलाया और कहा कि आपको कहीं किसी के पास जाने की आवश्यकता नहीं है आप घर बैठे बैठे एक निराकार विशन का जप कीजिए और घर पर अपनी खेती बाड़ी ( ह्रदय नाम विशन को जपो हाथों करों टवाई ) का काम कीजिए बिल्कुल सहज और सरल जीवन बताया लेकिन आज हम बिल्कुल उनकी बातों से भटक चुके हैं । ( मढ़ देवल तीर्थ मूल न जोयबा , हरि कनकेड़ी मण्डप मेड़ी तहाँ हमारा वासा ) गुरु जाम्भोजी ने ना तो मूर्ति पूजा बताई ना कहीं मंदिर बनाने का कहा और ना ही किसी के पास ईश्वर का पता पूछने का कहा कि किसी के पास जाओ पूछने को लेकिन कालांतर में जैसे-जैसे हम गुरु महाराज की शिक्षाओं से दूर होते गए वैसे-वैसे हमारे में भटकाव आते गए । पेड़-पौधों व पर्यावरण में ही गुरु ने अपना निवास बताया था लेकिन आज करोड़ों रुपए के मंदिर बनाने की होड़ मची हुई है । गांव-गांव में प्रतिस्पर्धा करते हुए ज्यादा रुपए लगाकर करोड़ो के मंदिर बन चुके है जो कि जाम्भाणी दर्शन के बिल्कुल विपरीत है । तथाकथित धर्मप्रचारकों ने सबदवाणी सबदार्थ न बताते हुए मन्दिर परम्परा को समर्थन दिया व कथाओं एवं निजी तरीके से करोड़ो रुपए लगाकर जगह-जगह डेरों का निर्माण कर अपनी दुकानदारी सेट कर ली । सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने वोटों की राजनीति व निजी हित की आड़ में इन सबको पनपने दिया । गुरु महाराज की सबदवाणी आज घर-घर में रखी हुई तो है लेकिन अध्ययन बहुत कम ही लोग करते हैं हर बिश्नोई को नियमित गुरु महाराज की वाणी का अध्ययन करना चाहिए अपने जीवन में लागू करना चाहिए और दूसरों को भी बताना चाहिए लेकिन हुआ उसके विपरीत हम गुरु महाराज की सबदवाणी तो दूसरों को बता नहीं पाए लेकिन दूसरे धर्मों और अनुयायियों का असर हमारे ऊपर साफ दिख रहा है कभी हम मंदिर जाते हैं कभी हम कहीं भटकते हैं कभी हम मूर्तियों को शीश झुकाते हैं कभी हम कुछ करते नजर आते हैं यह इसका सीधा सा अर्थ है कि हम सबदवाणी से दूर हो गए इसी कारण हम दूसरे अन्य देवी देवता में विश्वास ज्यादा रखते हैं । गुरुदेव की शिक्षा में विश्वास कम हो गया लेकिन आज के दिन हमारे पूर्वजों को जो संकल्प दिलाया था और जागृत करते हुए हमारे जीवन को नई दिशा देने की कोशिश करें । सभी से विनम्र निवेदन है कि गुरु महाराज की सबदवाणी का अध्ययन करें और अपने जीवन में लागू करें ।

🙏त्रुटी के लिए🙏
क्षमा करें🙏

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Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
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