होम हित चित प्रीत सूं होय बास बैकुण्ठा पावो
श्री गुरु जम्भेश्वरजी ने मूर्ति पूजा के स्थान पर नित्य हवन करने का उपदेश दिया है।सनातन धर्म के मूल वेद है और उनमें यज्ञ का ही विधान निर्धारित किया गया है।सभी के हित के लिए सचेत होकर प्रेम से हवन…
Protectors of nature, guardians of life.
Protectors of nature, guardians of life.
श्री गुरु जम्भेश्वरजी ने मूर्ति पूजा के स्थान पर नित्य हवन करने का उपदेश दिया है।सनातन धर्म के मूल वेद है और उनमें यज्ञ का ही विधान निर्धारित किया गया है।सभी के हित के लिए सचेत होकर प्रेम से हवन…
अग्नि में जलाई जाने वाली लकड़ी को देखकर ही प्रयोग में लेनी चाहिए कही लकड़ी की छाल में कीड़े आदि जीव तो नही है ?दीमक आदि से युक्त लकड़ी को प्रायः प्रयोग में नही लेना चाहिए।थेपड़ियो व कण्डे आदि भी…
क्षमा करने का वास्तविक अर्थ यह है कि हम किसी को बदले की भावना से दुःखी न करें।श्री गुरुजाम्भो जी एक सबद में कहते हैं –“जै कोई आवै हो हो करता आप ज होइये पाणी”–अर्थात अगर कोई क्रोधवश आग-बबूला होकर…
दया का उल्लेख श्रीगुरु जाम्भोजी ने सबदवाणी में अनेक बार किया है।दया को बहुत महत्वपूर्ण मानते हुए उसके पालन का उपदेश दिया है।दया धर्म का पालन परमात्म-प्राप्ति का एक सुगम साधन है।दया एक सात्विक वृति है, वह समता की मूल…
ऐसा कहकर आखड़ी में तेहरवें,चौदहवें,पन्द्रह व सोहलवे नियम का संकेत किया गया है।चोरी नही करनी चाहिए।मनुष्य जिस धन पर लोक-मर्यादा व धर्म -मर्यादा को छोड़कर अधिकार करता है-वह धन उसके पुण्य हरण करता है तथा बुद्धि का नाश करता है।जो…
अपने अवगुणों को छिपाकर दूसरो के अवगुणों को प्रगट करने को सामान्य रूप से नींदा कहा जाता हैं।ऐसे लोगो का यह कर्तव्य कर्म ही हो जाता है कि वह दूसरों के गुणों को छिपाकर केवल उनके अवगुणों को ही चिंतन…
सत्य बोलना ही सभी धर्मों का मूल है, सत्य पर ही सम्पूर्ण पृथ्वी टिकी हुई है।सत्य से ही सम्पूर्ण संसार का व्यवहार चलता है।जिन लोगो ने सत्य धर्म का पालन किया है, उनकी ही महिमा आधपर्यन्त गायी जाती है वे…
व्यर्थ का वाद-विवाद नही करना चाहिए।कुछ लोग ऐसे विचार रखते हैं कि सामने वाले को अपनी वाक तर्क शक्ति के द्वारा किसी प्रकार से पराजित कर दिया जाय।कुछ लोग मूर्खता का परिचय देते हुए जिद्द करते है जिससे लड़ाई-झगड़ा, मनमुटाव,वैर-विरोध…
-परमपिता परमात्मा श्री विष्णु का ही भजन करना चाहिए।श्री गुरुजाम्भो जी स्वयं विष्णु भगवान के ही अवतार हैं।उन्होंने सतयुग में अपने भगत प्रहलाद को दिए वचन कलयुग में बारह करोड़ जीवो का उद्वार करने के लिए अवतार लिया था।अनेकानेक सन्तो…
जीवों पर दया करनी चाहिए।नित्य प्रति जीवो पर दया करना इसे सच्चा आचरण जानना चाहिए।शरीर और मन को अपने वश में करके जीव दया की पालना की जावै तो यह जीवात्मा निर्वाण अर्थात मुक्ति के पद की प्राप्ति की अधिकारिणी…
सुख के सागर सतगुरु जाम्भोजी, परम् शांति के धाम। श्री युग सरोज में,पुनि पुनि करू प्रणाम।। पद पंकज गुरुदेव के,राखू हिय बसाय। बार बार वंदना करू,शीश निवाय निवाय।। जीव काज हित जगत में,लीन्हा प्रभु अवतार। श्री गुरुजाम्भो जी के रूप…
सादर निवण प्रणाम🙏 श्री गुरुजाम्भो जी द्वारा दिये ज्ञानोपदेश की कुछ उक्तियो पर आओ विचार विमर्श करे। “ज्ञानी कै हिरदै परमोद आवत अज्ञानी लागत डांसू” ज्ञान की बात सुनकर जो धारण करता है वह गुणवान व्यक्ति है व सुगरा है…