Vishnuji

अमावस्या व्रत कथा

सर्वप्रथम गुरूदेव की वन्दना करता हूं, क्योंकि गोविन्द से भी गुरू महान है। गुरू को प्रणाम करने के पश्चात् सभी सन्तों को प्रणाम करता हूं। तत्पश्चात् विष्णु परमात्मा को नमन करता हूं, क्योंकि विष्णु को प्रणाम करने से व्याधि शारीरिक…

Read Moreअमावस्या व्रत कथा
Surya riding on 7 horses chariot

रविवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती

सूर्यदेव की दो भुजाएँ हैं, वे कमल के आसन पर विराजमान रहते है ; उनके दोनों हाथों में कमल सुशोभित हैं। उनके सिर पर सुन्दर स्वर्ण मुकुट तथा गले में रत्नों की माला है। उनकी कान्ति कमल के भीतरी भाग…

Read Moreरविवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती
Lord Shiva

सोमवार (चंद्रमा) : व्रत विधि, कथा एवं आरती

चन्द्रदेव का वर्ण गौर है। इनके वस्त्र, अश्व और रथ तीनों श्वेत हैं। ये सुन्दर रथ पर कमल के आसन पर विराजमान हैं। इनके सिर पर सुन्दर स्वर्ण मुकुट तथा गले में मोतियों की माला है। इनके एक हाथ में…

Read Moreसोमवार (चंद्रमा) : व्रत विधि, कथा एवं आरती
Hanuman black bg

मंगलवार (मंगल) : व्रत विधि, कथा एवं आरती

मंगल देवता की चार भुजाएँ हैं। इनके शरीर के रोयें लाल हैं। इनके हाथों में क्रम से अभयमुद्रा, त्रिशूल, गदा और वरमुद्रा है। इन्होंने लाल मालाएँ और लाल वस्त्र धारण कर रखे हैं। इनके सिरपर स्वर्ण मुकुट है तथा ये…

Read Moreमंगलवार (मंगल) : व्रत विधि, कथा एवं आरती
Budha graha

बुधवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती

बुध पीले रंग की पुष्पमाला तथा पीला वस्त्र धारण करते हैं। उनके शरीर की कान्ति कनेर के पुष्प की जैसी है। वे अपने चारों हाथों में क्रमशः – तलवार, ढाल, गदा और वरमुद्रा धारण किये रहते हैं। वे अपने सिर…

Read Moreबुधवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती
Vishnu.1

वीरवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती

देव गुरू बृहस्पति पीत वर्ण के हैं। उनके सिर पर स्वर्ण मुकुट तथा गले में सुन्दर माला है। वे पीत वस्त्र धारण करते हैं तथा कमल के आसन पर विराजमान हैं। उनके चार हाथों में क्रमशः – दण्ड, रूद्राक्ष की…

Read Moreवीरवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती
MATARANI

शुक्रवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती

दैत्यों के गुरू शुक्र का वर्ण श्वेत है। उनके सिर पर सुन्दर मुकुट तथा गले में माला है। वे श्वेत कमल के आसन पर विराजमान हैं। उनके चार हाथों में क्रमशः-दण्ड, रूद्राक्ष की माला, पात्र तथा वरदमुद्रा सुशोभित रहती हैं।…

Read Moreशुक्रवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती
Tallest Statue of the Lord Shani at Shani Dham Jourian

शनिवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती

शनैश्चर की शरीर-कान्ति इन्द्रनीलमणि के समान है। इनके सिर पर स्वर्ण मुकुट गले में माला तथा शरीर पर नीले रंग के वस्त्र सुशोभित हैं। ये गीध पर सवार रहते हैं। हाथों में क्रमशः धनुष, बाण, त्रिशूल और वरमुद्रा धारण करते…

Read Moreशनिवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती
Karva Chauth 2018 IMG

करवाचौथ व्रत कथा

यह व्रत सौभाग्यवती स्त्रियों द्वारा अपने अखंड सौभाग्य (सुहाग), पति के स्वस्थ एवं दीर्घायु होने की कामना के लिए किया जाता है। जो सुहागिन स्त्री प्रातःकाल से ही निर्जला व्रत रहकर संध्याकाल में इस कथा को श्रवण करती है, रात्रि…

Read Moreकरवाचौथ व्रत कथा