Bdp wp 4

श्री गुरु जम्भेश्वर चालीसा 

ओउम नमों गुरुजम्भ्जी, चरण नवांऊ शीश | पर ब्रह्मपरमात्मा, पूर्णविश्वा बिश |जय गुरु जम्भेश्वर जय गुरु दैया | सत चित आनन्द अलख अभेवा ||१||लोहट घर अवतार धरया | माता हंसा लाड लडाया ||२||सकल सुष्टि के तुम हो स्वामी | घट-घट…

Read Moreश्री गुरु जम्भेश्वर चालीसा 
Shiva Lingam 5 620x400

श्री शिव चालीसा

।।दोहा।। श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि…

Read Moreश्री शिव चालीसा
Hanumanji

हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा तुलसीदास की अवधी में लिखी एक काव्यात्मक कृति है जिसमें प्रभु राम के महान भक्त हनुमान के गुणों एवं कार्यों का चालीस चौपाइयों में वर्णन है। यह अत्यन्त लघु रचना है जिसमें पवनपुत्र श्री हनुमान जी की सुन्दर…

Read Moreहनुमान चालीसा
Lord Shiva

महामृत्युंजय मंत्र

महामृत्युञ्जय मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र (“मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र”) जिसे त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है, यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में, भगवान शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वंदना है। इस मंत्र में शिव को ‘मृत्यु को…

Read Moreमहामृत्युंजय मंत्र
Gayatri mata

गायत्री महामंत्र

गायत्री महामंत्र (वेदों का एक महत्त्वपूर्ण मंत्र है जिसकी महत्ता ॐ के लगभग बराबर मानी जाती है। यह यजुर्वेद के मंत्र ॐ भूर्भुवः स्वः और ऋग्वेद के छंद 3.62.10 के मेल से बना है। इस मंत्र में सवित्र देव की…

Read Moreगायत्री महामंत्र