श्री गुरु जम्भेश्वर चालीसा
ओउम नमों गुरुजम्भ्जी, चरण नवांऊ शीश | पर ब्रह्मपरमात्मा, पूर्णविश्वा बिश |जय गुरु जम्भेश्वर जय गुरु दैया | सत चित आनन्द अलख अभेवा ||१||लोहट घर अवतार धरया | माता हंसा लाड लडाया ||२||सकल सुष्टि के तुम हो स्वामी | घट-घट…
Protectors of nature, guardians of life.
Protectors of nature, guardians of life.
ओउम नमों गुरुजम्भ्जी, चरण नवांऊ शीश | पर ब्रह्मपरमात्मा, पूर्णविश्वा बिश |जय गुरु जम्भेश्वर जय गुरु दैया | सत चित आनन्द अलख अभेवा ||१||लोहट घर अवतार धरया | माता हंसा लाड लडाया ||२||सकल सुष्टि के तुम हो स्वामी | घट-घट…
।।दोहा।। श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि…
हनुमान चालीसा तुलसीदास की अवधी में लिखी एक काव्यात्मक कृति है जिसमें प्रभु राम के महान भक्त हनुमान के गुणों एवं कार्यों का चालीस चौपाइयों में वर्णन है। यह अत्यन्त लघु रचना है जिसमें पवनपुत्र श्री हनुमान जी की सुन्दर…
महामृत्युञ्जय मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र (“मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र”) जिसे त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है, यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में, भगवान शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वंदना है। इस मंत्र में शिव को ‘मृत्यु को…
गायत्री महामंत्र (वेदों का एक महत्त्वपूर्ण मंत्र है जिसकी महत्ता ॐ के लगभग बराबर मानी जाती है। यह यजुर्वेद के मंत्र ॐ भूर्भुवः स्वः और ऋग्वेद के छंद 3.62.10 के मेल से बना है। इस मंत्र में सवित्र देव की…