

शब्द 93
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 *ओम् आद शब्द अनाहद बाणी* एक समय की बात,जोधपुर नरेश राव मालदेव समराथल धोरे पर आये और उन्होंने गुरु जंभेश्वर भगवान के सम्मुख जिज्ञासा प्रकट की कि सृष्टि के आदि काल में कौन देवता उत्पन्न हुआ? मालदेव की जिज्ञासा जान,गुरु महाराज ने उसे यह शब्द कहा:- *ओम आदि सबद अनाहद वांणी चवदै* *भूवन रहया छल पांणी* हे जिज्ञासु! जिस समय यह सृष्टि रची,उससे पहले इस संपूर्ण ब्रह्मांड में एक अनहद-नाद, अनहत ध्वनि,शाश्वत नाद परिव्याप्त था। परमब्रह्म, सदाशिव के उस…