

शब्द 87
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 *जा का उंमग्या स माघूं* एक समय बीकानेर के राव लूणकरण ने युद्ध भूमि में अपनी जीत हार के विषय में प्रश्न पूछा।गुरु जंभेश्वर भगवान ने उसे यह समझाते हुए कि संसार को लड़ाई में जीतने में कुछ प्राप्त नहीं होता। सच्चा वीर वही है,जिसने अपने मन को जीत लिया है। मन को जीतने वाला अमरलोक का स्वामी बनता है। इसी भाव को स्पष्ट करते हुए गुरु महाराज ने राव लूणकरण के प्रति यह शब्द कहा:- *जांका उमंग्या समाधुं…