Sanjeev Moga

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वीरवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती

देव गुरू बृहस्पति पीत वर्ण के हैं। उनके सिर पर स्वर्ण मुकुट तथा गले में सुन्दर माला है। वे पीत वस्त्र धारण करते हैं तथा कमल के आसन पर विराजमान हैं। उनके चार हाथों में क्रमशः – दण्ड, रूद्राक्ष की माला, पात्र और वरदमुद्रा सुशोभित है। महाभारत आदिपर्व एवं तै. सं. के अनुसार बृहस्पति महर्षि अड़िग्रा के पुत्र तथा देवताओं के पुरोहित हैं। ये अपने प्रकृष्ट ज्ञान से देवताओं को उनका यज्ञ-भाग प्राप्त करा देते हंै। असुर यज्ञ में विघ्र…

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शुक्रवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती

दैत्यों के गुरू शुक्र का वर्ण श्वेत है। उनके सिर पर सुन्दर मुकुट तथा गले में माला है। वे श्वेत कमल के आसन पर विराजमान हैं। उनके चार हाथों में क्रमशः-दण्ड, रूद्राक्ष की माला, पात्र तथा वरदमुद्रा सुशोभित रहती हैं। शुक्राचार्य दानवों के पुरोहित हैं। ये योग के आचार्य हैं। अपने शिष्य दानवों पर इनकी कृपा सर्वदा बरसती रहती है। इन्होंने भगवान् शिव की कठोर तपस्या करके उनसे मृतसंजीवनी विद्या प्राप्त की थी। उसके बल से ये युद्ध में मरे…

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शनिवार: व्रत विधि, कथा एवं आरती

शनैश्चर की शरीर-कान्ति इन्द्रनीलमणि के समान है। इनके सिर पर स्वर्ण मुकुट गले में माला तथा शरीर पर नीले रंग के वस्त्र सुशोभित हैं। ये गीध पर सवार रहते हैं। हाथों में क्रमशः धनुष, बाण, त्रिशूल और वरमुद्रा धारण करते है। शनि भगवान् सूर्य तथा छाया (संवर्णा) के पुत्र हैं। ये क्रूर ग्रह माने जाते हैं। इनकी दृष्टि में जो क्रूरता है, वह इनकी पत्नी के शाप के कारण है। ब्रह्मपुराण में इनकी कथा इस प्रकार आयी है- बचपन से…

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वॉलपेपर

नमन प्रणाम , सभी से अनुरोध है कि ऐप्प को अपडेट करें , ऐप्प का नया वर्जन 111.0.5 है जिस में आप किसी भी फोटो को अपने फ़ोन पर वॉलपेपर लगा सकते है, तो आप नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करने अपडेट जरूर करें नीचे दी हुई फोटो को लोड होने दे , उसके बाद क्लिक करने , ‘Set as Wallpaper’ का ऑप्शन आएगा, यदि नहीं आ रहा तो इसका मतलब है आपने ऐप्प को अपडेट नहीं किया…

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