शब्द नं 120

विसन विसन तूं भण रे प्राणी इस जीवन के हावै रत्ना राहड नाम का व्यक्ति गाँव जाँगलू का रहने वाला था। उसने अपना जीवन अतिथियों एवं साधु संतों की सेवा में लगा रखा था। एक बार वह गुरु जंभेश्वर के सम्मुख उपस्थित हुआ। उसने यह जिज्ञासा प्रकट की कि वह ज्ञान,दान एवं भक्ति में किसका अधिकारी है ?उसे क्या करना चाहिए ताकि वह बैकुंठ धाम को पा सके।रत्ने की जिज्ञासा जान गुरु महाराज ने उसे यह शब्द कहा:- विसन विसन…

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