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शब्द 80

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 *जे म्हां सूता रैन बिहावै* एक समय की बात है कि कूनौज वासी कई बिश्नोई गुरु जंभेश्वर के पास समराथल आये और एक मखमली बिछौना गुरु महाराज को भेंट किया तथा कहा कि यह इतना मुलायम है कि इस पर सोने से,ऐसी गहरी नींद आयेगी कि आप जल्दी से जाग भी नहीं पायेंगे।श्रद्धालु भक्तों की भोली बात सुन गुरु महाराज ने उन्हें यह शब्द कहा:- *जे म्हां सुता रैण बिहावै बरते बिम्बा बारुं* हे भोले भक्तों!यदि हम सो जावें…

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शब्द 81

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 *भल पाखंडी पाखंड मंडा* एक दूर देश का रहने वाला साधु,जाम्भोजी की महिमा सुन बीकानेर राज्य का ठिकाना पूछता हुआ,पीपासर के पास धुंपालिये गाँव पहुँचा।जब उक्त साधु ने उस गाँव में जाम्भोजी का पता ठिकाना पूछा, तो एक महिला ने बताया कि वे कोई देव पुरुष नहीं है, बल्कि एक पाखंडी है।महिला की बात सुन वह दूर देश का वासी बड़ा दुखी हुआ।उस साधु की ह्रदय पीड़ा जान गुरु महाराज ने अपना आदमी भेज, उसे समराथल पर बुलाया और…

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शब्द 82

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 *अलख अलख तूं अलख न लखणा* पूर्वोत्तर प्रसंगानुसार! जब उस आगंतुक साधु ने गुरु जंभेश्वर महाराज से शब्द सुना तो उसे जाम्भोजी के विषय में ज्ञान हुआ तथा उसने उस ग्रामीण महिला के प्रति कुछ कटु शब्द कहे,तब गुरु महाराज ने उसे कड़वे शब्द न बोलने के लिए तथा ब्रह्म की एकता एवं अद्वेतता के संबंध में यह शब्द कहा:- *अलख अलख तू अलख न लखना मेरा अनन्त इलोलूं।* हे भक्त! तुम बड़े भोले हो। अलख,अलख है,उसे कोई कैसे…

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शब्द 83

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 *जो नर घोडे चढै पाघ न बांधै* एक बार समराथल धोरे पर विराजमान जाम्भोजी से संत मंडली के लोगों ने योग तथा ज्ञान के विषय में जानने की जिज्ञासा प्रकट की। गुरु महाराज ने अत्यंत प्रसन्न भाव से समझाया कि शुभ कर्म करने तथा हरीभजन से जब मनुष्य का काम, क्रोध एवं अहंकार नष्ट होता है तभी उसे ज्ञान की प्राप्ति होती है।इसी संदर्भ में श्री जंभेश्वर महाराज ने यह शब्द कहा:- *जोर नर घोड़े चढ़े पाग न बांधे…

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