

पर्यावटण रक्षक चौधरी भजनलाल जी (Part 2)
वन संरक्षण अधिनियम Forest conservation Act-1980 का व्यापक संशोधन करते हुए वनों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कड़े से कड़े नियम लागू करवाए। जिसमें किसी भी विकास परियोजना के क्रियान्वयन से पूर्व पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति आवश्यक कर दी गई। अगर किसी कारणवश पेड़ों को काटना जरूरी समझा गया तो मंत्रालय को मुआवजा राशि के साथ-साथ उतनी ही जमीन पर बदले में और पेड़ लगाना सुनिश्चित किया गया। जब सन् 1984 में राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने गंगा…

चौधरी भजनलाल जी की शख्सियत
एक समय हरियाणा की सियासत तीन लालों देवीलाल, बंसीलाल, भजनलाल के इर्द-गिर्द घूमती थी। वैसे तो सभी लालों की अपनी खासियत थी। लेकिन भजनलाल के व्यक्तित्व का एक पहलू ऐसा था जो दूसरे लालों से उन्हें जुदा करता था। राजनीति की चौसर में भी अपने पर हावी होने वाले विरोधियों को अकस्मात मात दे देना उनकी खूबी थी। हरियाणा की सियासत के प्रारम्भिक सफर में उनके साथी रहे चौधरी देवीलाल, मगर राजनीतिक मतभेदों के चलते वे देवीलाल से अलग हो…

हरियाणा के नव-निर्माण में चौधरी भजन लाल की भूमिका (Part 1)
। डा. महेन्द्र सिंह # अध्यक्ष, इतिहास विभाग, दयानंद महाविद्यालय, हिसार आज हरियाणा का नाम जैसे ही किसी के मन में या जुबान पर आता है तो सहसा एक प्रगतिशील, उन्नत व आधुनिक प्रदेश का चित्र मानस पटल पर बनता है। यह क्षेत्र पहले अंग्रेजी शासन व्यवस्था के दमन का शिकार बना तथा स्वतंत्रता के पश्चात् राजनैतिक भेदभाव का। दमन व भेदभाव के परिणामस्वरूप इस क्षेत्र के लिए अलग राज्य की मांग उठी जिसे पहले नकारा जाता रहा तथा बाद…

हरियाणा के नव-निर्माण में चौधरी भजन लाल की भूमिका (Part 2)
अपनाई गई लोकहित की नीतियों को भी आगे बढ़ाया गया। शहरी स्थानीय निकायों में कर्मचारियों के वेतनमान सम्बन्धी फैसले तथा निकायों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए विशेष व्यय व्यवस्था की ओर ध्यान दिया, जिसके फलस्वरूप शहरी विकास की प्रक्रिया को नई दिशा मिली। उनके इस शासन काल में पंजाब के साथ एस.वाई.एल. विवाद तथा चण्डीगढ़ का मुद्दा इस कार्यकाल में छाया रहा। इस मुद्दे पर उन्होंने हरियाणा की बेहतर ढंग से पैरवी की जिसका परिणाम यह रहा…

छत्तीस बिरादरी के राजनेता थे चौधरी भजनलाल जी (Part 1)
मनोहर लाल गोदारा सचिव, बिश्नोई सभा हिसार चौधरी भजनलाल ग्रामीण आंचल से जुड़े, किसानों के मसीहा, आम जनता से सीधे संवाद स्थापित करने वाले भूमि पुत्र थे। आखिरी समय तक जनता की समस्याओं का समाधान करने तथा उनकी फिक्र में लगे रहे। हमेशा आशावादी रहे। जब भी कोई उनके पास किसी कार्य को लेकर जाता था तो कभी किसी को निराश नहीं किया। एक बार जो उनसे मिल लेता था उसे भूलते नहीं थे तथा अपने क्षेत्र के लोगों को…

छत्तीस बिरादरी के राजनेता थे चौधरी भजनलाल जी (Part 2)
थी। इस सरकार को बहुमत में बदलकर लगातार पांच साल सरकार चलाई जिसका चर्चा हमेशा अखबारों में होती रही है। एक साधारण परिवार से उठकर राजनैतिक ऊंचाइयों को छूना अपने आपमें एक मिसाल है तथा बिश्नोई समाज के लिए गौरव की बात है। 36 बिरादरी के एकमात्र सर्वमान्य व सर्वप्रिय नेता चौधरी भजनलाल 27 जून 1979 को पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने, दूसरी बार सन् 1982 तथा तीसरी बार सन् 1991 में मुख्यमंत्री बने। इस तरह तीन बार 12…

उदार हृदय के राजनेता थे चौधरी भजनलाल जी (Part 1)
अरुण जौहर, संयुक्त निदेशक लोक सम्पर्क एवं सूचना विभाग, हरियाणा सरकार క్ష్ हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे चौधरी भजनलाल राष्ट्रीय स्तर के राजनेता थे, जिन्होंने भारत के कृषि और वन एवं पर्यावरण मंत्री पद को भी सुशोभित किया था। 6 अक्टूबर, 1930 को बहावलपुर रियासत (अब पाकिस्तान) के गांव कोड़ांवाली में एक साधारण बिश्नोई किसान परिवार में जन्म लेने के बाद 3 जून,2011 को हिसार शहर में ब्रह्मलीन होने तक चौधरी भजन लाल जी ने जिन राजनैतिक एवं सामाजिक…

उदार हृदय के राजनेता थे चौधरी भजनलाल जी (Part 2)
जम्भेश्वर महाराज से प्रार्थना की और गुरु कृपा से ही चौधरी भजनलाल औरैया के उस बिश्नोई सम्मेलन के मात्र 25 दिनों बाद ही हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गये। उन दिनों जुलाई, 1981 में मैंने हिसार में वकालत शुरू कर दी और चौधरी भजनलाल जी के मैं राजनैतिक रूप से और अधिक निकट आता चला गया। सन् 1982 में मुझे चौधरी भजनलाल जी ने ही बिश्नोई समाज की सुप्रसिद्ध पत्रिका अमर ज्योतिका सम्पादक नियुक्त करवाया, क्योंकि तब तक मैं वकील के…

हर शब्द बौना लगता है, उस फरिश्ते की तारीफ में (Part 1)
नेकीराम भादू पशु चिकित्सा एवं विकास सहायक राजकीय पशु चिकित्सालय, चुली कलां, जि. फतेहाबाद बिश्नोई रत्न चौधरी भजनलाल जी केवल एक महान राजनेता ही नहीं थे बल्कि वे दैवीय गुणों और दैवीय शक्ति से सम्पन्न महापुरुष थे, जो अपने लोक कल्याणकारी कार्यों व करिश्मों से देवदूत से जान पड़ते थे। उन्होंने जब राजनीति में प्रवेश किया तब राजनीति का स्वरूप कुछ और ही था। अस्थिर सरकारों के कारण लोगों का लोकतंत्र से विश्वास उठने लगा था। मगर उन विकट परिस्थितियों…

हर शब्द बौना लगता है, उस फरिश्ते की तारीफ में (Part 2)
चौधरी साहब ने इस समझौते से नाराज होकर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। चौधरी भजन लाल जी यदि सत्ता के भूखे होते तो चुप रहकर मुख्यमंत्री बने रह सकते थे। 1991-96 के मुख्यमंत्रीत्व काल में चौधरी साहब की राजनैतिक शक्ति बहुत बढ़ गई थी। देश व पार्टी के पहली पंक्ति के नेताओं में उनकी गिनती होने लगी। प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हाराव उनकी मजी के खिलाफ कोई फैसला नहीं लेते थे। चौधरी साहब पर चाहे क्षेत्रवाद के आरोप लगे हों…

हर शब्द बौना लगता है, उस फरिश्ते की तारीफ में (Part 3)
शैया पर लेटा देख कलेजा भर आया। जब दर्शन करके बाहर निकला, जहन में एक सवाल उठा कि अगर अब कोई जरूरत पड़ी तो हमारी गारंटी कौन लेगा? बिश्नोई रत्न अहसान फरामोश नहीं थे और वे हमेशा आदमपुर की चुनाव सभाओं में कहा करते थे मनुष्य को अहसान फरामोश नहीं होना चाहिए, अहसान फरामोश आदमी कृतघ्न होता है और कृतघ्न के देखने मात्र से पाप लगता है। वे हमेशा एक बिश्वे अहसान को बिलायंत से उतारते थे। एक महत्वपूर्ण घटना…

पुरखों की घरा का ऋण चुका गए बिश्नोई रत्न
पूनमचंद बिश्नोई कस्वां सीनियर सब एडिटर, दैनिक भास्कर, जोधपुर जितनी अपेक्षाएं, आशाएं और उम्मीदें बिश्नोई रत्न चौधरी भजनलाल जी से हरियाणा के लोगों की थी, उससे कहीं ज्यादा राजस्थान व मारवाड़ की रहती थी। उनके निधन से पूरा मारवाड़ शोकाकुल है। इस असहनीय व दुखदायी घटना की खबर लगी तो यहां का हर चेहरागम में डूब गया। जब इसकी खबर मारवाड़ के हर गांव व ढाणी में आग की तरह फैली तो ऐसा लगा कि न केवल हम बल्कि प्रकृति…