19577032 1359171104204184 6016417322945327990 o

सबद-38 ओ३म् रे रे पिण्ड स पिण्डूं, निरघन जीव क्यूं खंडूं, ताछै खंड बिहंडूं।

इस सामग्री को हमारे ऐप पर पढ़ें!

यह पोस्ट केवल हमारे मोबाइल एप्लिकेशन में उपलब्ध है। कृपया पढ़ने के लिए इसे इंस्टॉल करें।


Discover more from Bishnoi

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Sanjeev Moga
Sanjeev Moga
Articles: 808